इस मौके पर गहलोत ने कहा कि आज उन्हें अफसोस है कि वो संस्कृत नहीं पढ़ सके, अन्यथा हो सकता है कि आज उनका भी यहां संस्कृत के विकास के लिए सम्मान हो रहा होता।
गहलोत ने कहा कि जब वे बचपन में पढ़ने जाया करते थे तो सोचते थे कि संस्कृत और अंग्रेजी क्या काम आएगी और इसी वजह से वे इनकी क्लास में नहीं गए। आज जो संस्कृत के विकास के लिए ही मेरी कलम उठेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज में संस्कृत विश्वविद्यालय खोला गया।
आज संस्कृत दिवस पर आए समारोह में मौजूद लोगों से मुझे भी सुकून मिलता हैं। यह भाषा कई भाषाओं की जननी है। हमे गर्व है। इसका जन्म हमारे देश मे हुआ। आज तो मानसून का पूर्वानुमान भी संकृत भाषा मे मिल रहा है। संस्कृत से ही नींव निकली है।
आरएसएस पर बरसें— गहलोत इस मौके पर आरएसएस पर भी बरसे। उन्होंने कहा कि आरएसएस को भाजपा और कांग्रेस का काम नहीं करना चाहिए। सरदार पटेल के समय उन्हें लिखकर भी दिया था कि वे राजनीति में नहीं आएंगे। लेकिन आज देश में आरएसएस शासन कर रहा है। वे हिंदु देश की बात करते है। जबकि आरएसएस को अपनी भूमिका बदल देनी चाहिए और देश में छुआछूत ख़त्म करने का काम करना चाहिए।
मोदी बन गए ठेकेदार बन गए— गहलोत ने कहा कि आरएसएस के सबसे बड़े ठेकेदार नरेन्द्र मोदी बन गए और देश कर जनता को गुमराह कर दिया। हमारी कांग्रेस का सफाया कर दिया,लेकिन आज भी सच्चाई कांग्रेस के साथ है और राहुल गांधी के साथ है।
गहलोत ने कहा कि कांग्रेस अपने विचार लोगों पर थोपती नही है और भाजपा कहती है जो हमारी आलोचना करता है वो देशद्रोही है। उन्होंने गांधी जी को गोली लगी तो वे बोले थे, है राम। राम तो मर्यादा पुरूषोत्तम हैं। मॉब लिचिंग और आनॅर किलिंग का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि हम इसके खिलाफ कानून लाए। आज नई पीढ़ी है, प्यार दिल से हो जाता हैं। मां बाप पंचायत करने वाले कौन होते है। कार्यक्रम को संस्कृत शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग, उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी, शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने भी सम्बोधित किया।