इसके लिए आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फिर से कोरोना की समीक्षा बैठक बुलाई है। शाम 7:30 बजे मुख्यमंत्री आवास पर होने वाली समीक्षा बैठक में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, चिकित्सा महकमों से जुड़े अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल होंगे। सूत्रों की माने तो प्रदेश में जल्द ही कई और मामलों में छूट दी जा सकती है इसे लेकर गृह विभाग मंथन भी कर रहा है।
वीकेंड कर्फ्यू खत्म करने पर होगा मंथन
सूत्रों की माने तो आज मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली कोरोना समीक्षा बैठक में प्रदेश में वीकेंड कर्फ्यू खत्म करने पर भी चर्चा हो सकती है। प्रदेश में अब एक्टिव केस 10 हजार से कम आ रहे हैं। गृह विभाग ने 10 हजार से कम एक्टिव केस होने पर जन अनुशासन वीकेंड कर्फ्यू से राहत देने की गाइडलाइन जारी की थी।
बताया जाता है कि इसके बाद से ही वीकेंड कर्फ्यू खत्म करने की मांग उठती रही है जिस पर आज मुख्यमंत्री अधिकारियों के साथ इस पर चर्चा करेंगे। फिलहाल प्रदेश में शुक्रवार शाम 5 बजे से सोमवार सुबह 5 बजे तक वीकेंड कर्फ्यू लागू रहता है। जिसके तहत बाजार, व्यावसाय़िक गतिविधियां और किराना की दुकानें पूरी तरीके से बंद रहती हैं। हालांकि आज अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद ही मुख्यमंत्री गहलोत वीकेंड कर्फ्यू कर्फ्यू खत्म करने को लेकर फैसला लेंगे।
मेंटल हेल्थ पर होगी ओपन चर्चा
वहीं कोरोना समीक्षा बैठक के दौरान ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मेंटल हेल्थ को लेकर भी विशेष चर्चा करेंगे। सोशल मीडिया के ओपन प्लेटफॉर्म पर होने वाली इस विशेष चर्चा में चिकित्सा विशेषज्ञ कोविड के कारण लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव के कारण, इससे बचने के उपाय और उपचार के संबंध में राय व्यक्त करेंगे। दरअसल प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार तो कम हो गई लेकिन कोरोना के कारण हालातों में तेजी से बदलाव देखा जा रहा है।
खास तौर पर मानसिक स्वास्थ्य को लेकर लगातार अलग-अलग तरह के मामले सामने आ रहे हैं। कोविड-19 के बाद लोगों में मानसिक तनाव देखा जा रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चिकित्सा विशेषज्ञों से इनके दुष्प्रभाव और इनसे बचाव के ऊपर चर्चा करेंगे।
माना जा रहा है कि कोरोना समीक्षा बैठक के दौरान गहलोत अनाथ बच्चों को लेकर भी आर्थिक पैकेज की घोषणा कर सकते हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में एक विषय के दौरान इस बात के संकेत दिए थे कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार तो भले ही प्रदेश में तेजी से कम हो रही है , लेकिन इसके जो साइड इफेक्ट सामने आ रहे हैं वह भी चिंताजनक है।