दरअसल, पार्षद आए दिन अधिकारियों और कर्मचारियों के रवैये को लेकर शिकायतें करते हैं। शील धाभाई के कार्यवाहक महापौर रहते समय भी जोन वाइज हुई बैठकों में पार्षदों ने नगर निगम कार्मिकों के रवैये को लेकर शिकायतें की थी। पार्षदों का कहना है कि कर्मचारी और अधिकारी उनकी सुनते ही नहीं है। लाख कहने के बावजूद वार्डों में काम नहीं हो रहे हैं। इसके बाद सौम्या गुर्जर महापौर पद पर दोबारा आसीन हुई। फिर भी पार्षदों की कार्मिकों के रवैये को लेकर महापौर के पास शिकायतें पहुंची तो तय किया गया कि साधारण सभा की बैठक में यह प्रस्ताव ही शामिल कर लिया जाए ताकि सभी पार्षद एक साल अपनी राय रख सकें।
कांग्रेस पार्षद भी हैं पीड़ित भाजपा ही नहीं कांग्रेस के पार्षद भी नगर निगम ग्रेटर के अधिकारियों और कर्मचारियों के रवैये से नाराज हैं। पिछले दिनों ही कांग्रेस पार्षद भरत मेघवाल के साथ उपायुक्त महेश मान द्वारा बदसलूकी का मामला सामने आया था। इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों ने धरना भी दिया था। यही नहीं आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव ने मान को उपायुक्त प्लानिंग के पद से भी हटा दिया था। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्षद भी मुखर होकर अपनी बात रखेंगे।
महापौर ने यह कहा… ग्रेटर नगर निगम महापौर सौम्या गुर्जर ने कहा कि साधारण सभा की बैठक में सफाई—सीवरेज के साथ ही अधिकारियों और कर्मचारियों के रवैये को लेकर भी प्रस्ताव रखा गया है, जिस पर पार्षदों से चर्चा कराई जाएगी। इसके अलावा एजेंडे में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भी मांगें जा रहे हैं।