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BJP-कांग्रेस को सत्ता से दूर रखने के लिए साथ आएंगें तिवाड़ी-बेनीवाल, दोनों नेताओं ने दिए संकेत

locationजयपुरPublished: Jun 27, 2018 11:29:25 am

Submitted by:

Nakul Devarshi

तो क्या राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले साथ आएंगें तिवाड़ी-बेनीवाल? दोनों नेताओं ने दिए संकेत

hanuman beniwal ghanshyam tiwari
जयपुर।

राजस्थान सियासत के दिग्गज विधायक घनश्याम तिवाड़ी का सत्तारूढ़ भारतीय जनता दल से सालों पुराना नाता तोड़ लेने के बाद प्रतिक्रियाओं का दौर चल रहा है। तिवाड़ी के इस्तीफा देते ही बीजेपी से गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया, निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, सांसद मदनलाल सैनी और मंत्री अनीता भदेल सहित कई नेताओं की प्रतिक्रिया आई। वहीं कांग्रेस ने भी मुद्दे को भुनाते हुए ज़बानी हमला बोला। उसकी तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री एवम राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत और प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने वसुंधरा सरकार को निशाने पर पर लिया।
इन सभी के बीच सभी की नज़रें निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल की प्रतिक्रिया पर टिकीं हुई थी। तिवाड़ी इस्तीफा प्रकरण पर बेनीवाल ने कर्नाटका से सोशल मीडिया के ज़रिये अपनी प्रतिक्रिया दी है। बेनीवाल ने एक पोस्ट शेयर करते हुए तिवाड़ी के कदम और त्यागपत्र में वसुंधरा राजे नेतृत्व को लेकर किये गए तमाम ज़िक्र का समर्थन किया है।
ये लिखा बेनीवाल ने
”राजस्थान के वरिष्ठ विधायक घनश्याम जी तिवाड़ी का भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में स्वागत है। चूंकि मैने उन्हें यह कदम उन्हें बहुत पहले ही उठाने को कहा था फिर भी देर आए, दुरस्त आए। भाजपा में संघर्ष करते हुए तिवाड़ी जी ने अपने व्यक्तित्व को जिंदा रखा जो उनकी मजबूती को दर्शाता है, वहीं समय समय पर इन्होंने भाजपा के भ्रष्टाचार को उजागर किया। तिवाड़ी जी ने अपने त्याग पत्र में पिछले चार सालों में राजस्थान को जगह-जगह अपमानित होना पड़ा। केंद्र व राज्य में पूर्ण बहुमत के बाद राजस्थान का ठगा हुआ महसूस करना, देश और प्रदेश में अघोषित आपातकाल तथा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पहले भ्रष्टाचार के साथ समझौता करना व वसुंधरा राजे के भ्रष्टाचार में लिप्त तंत्र के सामने घुटने टेक देने आदि चार बातों का उल्लेख किया जिसमें हम सहमति प्रदान करते हैं।”
… तो क्या साथ आएंगें तिवाड़ी-बेनीवाल
तिवाड़ी के इस्तीफा प्रकरण के बाद कई तरह के कयास लगने शुरू हो गए हैं। राजनीतिक गलियारों में सभी की नज़रें अब तिवाड़ी और निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल के गठजोड़ पर टिकी हुई हैं। तिवाड़ी-बेनीवाल का कयासों वाला गठजोड़ कितना प्रभावी हो पाता है ये देखना दिलचस्प होगा, लेकिन दोनों ही नेताओं ने प्रदेश में बीजेपी या कांग्रेस को सत्ता से दूर रखने के लिए साथ आने के संकेत तो दे ही दिए हैं।
ghanshyam tiwari with hanuman beniwal
इस्तीफे की घोषणा के दौरान तिवाड़ी ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि हनुमान बेनीवाल हमारे परिवार के सदस्य हैं और भविष्य में उनके साथ समझौता किए जाने के सभी रास्ते खुले हुए हैं। वहीं बेनीवाल भी कह चुके हैं कि भाजपा और कांग्रेस को हराने के मिशन में जो भी साथ आएगा उसका स्वागत है। तिवाड़ी बड़े नेता हैं, उनसे बातचीत करेंगे। गौरतलब है कि बेनीवाल भी सत्ता में आने की मंशा से तीसरा मोर्चा मैदान में उतारने के लिए लगातार रैलियों में शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं।

तिवाड़ी के संपर्क में भाजपा के 15 एमएलए
बीजेपी से त्यागपत्र देने की घोषणा की प्रेस कांफ्रेंस में घनश्याम तिवाड़ी ने कहा था कि उनके संपर्क में भाजपा के 15 विधायक हैं। उन्होंने कहा था कि अभी उनको भारत वाहिनी पार्टी ने टिकिट को लेकर कोई आश्वासन नहीं दिया है। अंतिम निर्णय पार्टी की कार्यकारिणी करेगी। उन्होंने कहा था कि भाजपा और कांग्रेस के अच्छे लोगों का नवगठित पार्टी में बिना किसी राजनीतिक भेदभाव के स्वागत है।
ये लगाए हैं तिवाड़ी ने आरोप
राजस्थान का कदम-कदम पर हुआ अपमान तिवाड़ी ने अमित शाह को लिखे पत्र में कहा है कि केन्द्र और राज्य में एेतिहासिक बहुमत देने के बाद भी राजस्थान ठगा सा महसूस कर रहा है। राजस्थान सरकार ने केन्द्र के कुछ नेताओं से मिलीभगत कर राजस्थान को चारागाह समझ कर लूटा है। जनता की जेब और राज्य की सम्पदा पर डाका डाला है। कुछ मंत्रियों और अफसरों का यही काम रह गया था। दो हजार करोड़ से ज्यादा कीमत के बंगले पर मुख्यमंत्री ने कब्जा कर लिया है। जो समाचार पत्र जनता के हितों के लिए काम कर रहे हैं, उन पर सरेआम आर्थिक और राजनीतिक दमन का तंत्र चलाया गया है। एेसा लगता है कि राजस्थान के भ्रष्टाचार के साथ दिल्ली के नेताओं का भी समझौता हुआ है और अब सब ने वसुंधरा राजे के आगे घुटने टेक दिए हैं।

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