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राजस्थानी लोक गीत ‘घूमर’ का फिर से हल्ला बोल, यूट्यूब पर व्यूज पहुंचे 7 करोड़ पार

locationजयपुरPublished: Dec 14, 2017 05:18:58 pm

Submitted by:

dinesh Dinesh Saini

राजस्थानी सॉन्ग्स में मेलोडी के कारण लोग जल्दी कनेक्ट हो जाते हैं…

padmavati
जयपुर। राजस्थानी फोक म्यूजिक फिर अपने रंग में आया है और इसमें बॉलीवुड फिल्में व म्यूजिक वीडियोज की अहम भूमिका है। कई साल पुराने राजस्थानी ट्रेडिशनल सॉन्ग और म्यूजिक अब रीडिजाइन हो रहे हैं। फिल्म ‘पद्मावती’ का ‘घूमर’ हो या ‘शादी में जरूर जरूर आना’ का ‘पल्ला लटके’ या फिर राजस्थान के कलाकारों का ‘हरियाला बन्ना’, ये सभी म्यूजिक इंडस्ट्री में धमाल मचाए हुए हैं। यूट्यूब पर इनको करोड़ों व्यूज मिल रहे हैं। ‘घूमर’ को 7 करोड़, ‘पल्लो लटके’ को 4 करोड़ और ‘हरियाला बन्ना’ सॉन्ग को यूट्यूब पर 1 करोड़ व्यूज मिल चुके हैं।
राजस्थानी सॉन्ग्स में मेलोडी के कारण लोग जल्दी कनेक्ट हो जाते हैं। सिंगर रवीन्द्र उपाध्याय का कहना है कि ‘हरियाला बन्ना’ राजस्थानी माहौल के साथ बना है। ऐसे कई ट्रेडिशनल सॉन्ग हैं, जिन्हें नए अंदाज में ऑडियंस तक पहुंचा सकते हैं। बॉलीवुड में राजस्थानी म्यूजिक और ट्रेडिशनल सॉन्ग्स को रीक्रिएट करने का दौर आ गया है। लगभग 10 साल पहले राजस्थान के गानों को यूज किया जा रहा था, लेकिन फिर पंजाबी म्यूजिक और पंजाबी गानों ने उनकी जगह ले ली।
दिल और दिमाग में छाया
गानों के लिए स्पेशल रिसर्च होती है, जिसके बाद कुछ न्यू एलिमेंट्स भी जोड़े जाते हैं। फिल्मकार दीपक मुकुट ने बताया कि ‘पल्लो लटके’ को रीक्रिएट किया है। यह गाना पहले भी बॉलीवुड में यूज हो चुका है। रंगीन माहौल और सिम्प्लीसिटी सिर्फ राजस्थानी म्यूजिक में ही है। सिंगर स्वरूप खान ने बताया कि राजस्थानी फोक की दीवानगी हर उम्र के लोगों में है। यहां का फोक दिल में उतरता है और दिमाग में भी। लिहाजा राजस्थान के ट्रेडिशनल सॉन्ग्स को हमेशा यूज किया जाता है। कोशिश है कि राजस्थानी फोक का जादू हर गाने में बरकरार रहे।
ये हैं घूमर की विशेताएं
घूमर नृत्य राजस्थान के प्रसिद्ध लोक नृत्यों में से एक है। राजस्थान में प्रचलित इस लोकप्रिय नृत्य में केवल स्त्रियाँ ही भाग लेती हैं। इसमें लहँगा पहने हुए स्त्रियाँ गोल घेरे में लोकगीत गाती हुई नृत्य करती हैं। जब ये महिलाएँ विशिष्ट शैली में नाचती हैं तो उनके लहँगे का घेर एवं हाथों का संचालन बहुत ही आकर्षक होता है। लहंगे के घेर को ‘कुंभ’ कहते है। इसलिए इसको घूमर नृत्य कहा जाता है। इस नृत्य में महिलाएँ लम्बे घाघरे और रंगीन आढऩी को पहनकर नृत्य करती हैं। घूमर नृत्य तीज-त्योहारों, जैसे- होली, दुर्गापूजा, नवरात्रि तथा गणगौर , शादी विवाह और शुभ के अवसरों पर किया जाता है।

घूमर देश विदेश में राजस्थान की पहचान बन गया हैं। घूमर का अर्थ है घूमकर नाचना। नृत्य में महिलाएं अस्सी कली का घाघरा पहन का गोलाकार घूमते हुए यह डांस करती हैं। अपनी मोहक अदाओं से यह नृत्य सभी का दिल जीत लेता हैं। राजस्थानी लोक कलाकार घूमर नृत्य का प्रदर्शन देश-विदेश में करते रहते हैं। रंग बिरंगी राजस्थानी पोशाक और आभूषणों से सजी महिलाएं घूमर नृत्य करते हुए बहुत आकर्षक लगती हैं। जयपुर में तीज और गणगौर के अवसरों पर घूमर नृत्य खास तौर से किया जाता हैं।

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