एनएमसी के नियमानुसार मेडिकल कॉलेज की मान्यता और वहां यूजी—पीजी की सीटों के लिए नियत फैकल्टी होना आवश्यक है। एक फैकल्टी एक ही कॉलेज में नियुक्त रह सकती है। 6 महीने पहले जोधपुर में पदस्थापित डॉक्टरों ने एनएमसी का निरीक्षण करवाया और अब इन्हें सिरोही मेडिकल कॉलेज में पदस्थापित कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक एनएमसी की टीम वहां निरीक्षण के लिए आएगी। ये चिकित्सक चिकित्सा शिक्षा ग्रुप एक के हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इनका तबादला नियम विपरीत राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी (राजमेस) कॉलेजों में कर दिया गया है। उक्त आदेश विभाग के संयुक्त शासन सचिव इकबाल खान ने जारी किया है।
इस तरह के संदेश डॉक्टरों के . सरकार सिरोही मेडिकल कॉलेज का भला चाहती है तो इन्हें सिरोही से वापस नहीं बुलाया जाए। जोधपुर के लिए और स्थायी भर्ती की जाए
. ‘घोस्ट फैकल्टी’ बनाकर एक ही डॉक्टर को कई जगह दिखाने का जो खेल राजस्थान में कई सालों से चल रहा है, उस पर एनएमसी और चिकित्सा मंत्री संज्ञान ले
. कहीं फैकल्टी कम है तो नई स्थायी भर्ती कर हो, लोग आने को तैयार बैठे हैं, लेकिन अंदरखाने चल रहे इस खेल पर लगाम कसी जानी चाहिए।
. चिकित्सा शिक्षा ग्रुप वन के डॉक्टरों को राजमेस कॉलेज में भेजना नियम विरूदृध है..बड़ा सवाल..अब क्या वापस बुलाएंगे, नहीं तो वेतन कहां से बनेगा
. ‘घोस्ट फैकल्टी’ बनाकर एक ही डॉक्टर को कई जगह दिखाने का जो खेल राजस्थान में कई सालों से चल रहा है, उस पर एनएमसी और चिकित्सा मंत्री संज्ञान ले
. कहीं फैकल्टी कम है तो नई स्थायी भर्ती कर हो, लोग आने को तैयार बैठे हैं, लेकिन अंदरखाने चल रहे इस खेल पर लगाम कसी जानी चाहिए।
. चिकित्सा शिक्षा ग्रुप वन के डॉक्टरों को राजमेस कॉलेज में भेजना नियम विरूदृध है..बड़ा सवाल..अब क्या वापस बुलाएंगे, नहीं तो वेतन कहां से बनेगा
इस तरह है तबादला सूची सिरोही भेजे गए सभी डॉक्टर जोधपुर मेडिकल कॉलेज से हैं। इनमें एनॉटॉमी, फिजियोलॉजी, बायोकैमेस्ट्री, फॉर्माकॉलॉजी, पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, फॉरेंसिंक मेडिसिन, कम्यूनिटी मेडिसिन, जनरल मेडिसिन, पीडियाट्रिक्स, फिजियोलॉजी, रेस्पिरेटरी मेडिसिन, जनरल सर्जरी, आर्थोपेडिक, आब्सटेट्रिक्स एंड गायनी, एनेस्थीसिया और रेडियोडायग्नोसिस विभाग के प्रोफेसर, एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर स्तर के 37 डॉक्टर शामिल हैं।
.. सिरोही में एनएमसी का निरीक्षण होने वाला है, इसीलिए डॉक्टरों को जोधपुर से सिरोही भेजा गया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग वन से राजमेस में भेजे जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। दोनों सरकार के ही हैं। निरीक्षण होने के बाद इन डॉक्टरों को वापस जोधपुर बुला लेंगे।
इकबाल खान, संयुक्त शासन सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग
इकबाल खान, संयुक्त शासन सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग