हरियाणा के छोटे से कस्बे से आई काश्वी की शारीरिक वृद्धि नहीं होने और बीमार रहने से माता-पिता चिंतित थे। वहां एक स्थानीय अस्पताल में प्रारंभिक जांच में बच्ची को डेक्सट्रोकार्डिया व साइटस इनवर्सस टोटलिस के साथ दिल के कई जटिल दोषों का पता चला। डेक्सट्रोकार्डिया के साथ साइटस इनवर्सस टोटलिस एक अत्यंत दुर्लभ जन्मजात विसंगति है, जिसमें छाती और पेट के आंतरिक अंग विपरीत स्थिति में थे। मरीज की उम्र कम होने के अलावा हार्ट में छेद व ब्लॉकेज होने के कारण उसकी सर्जरी करना बेहद चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि शारीरिक बनावट असामान्य और बहुत जटिल थी।
मामला बेहद जटिल व जोखिम भरा होने के कारण इसे नारायणा हॉस्पीटल में कार्डियक साइंसेज की टीम को भेजा गया। यहां अस्पताल के डॉ.सी.पी.श्रीवास्तव ने बताया कि मरीज को कई ह्रदय दोष एक साथ थे। इस कारण इन तमाम परेशानियों को सुधारने के लिए तुरंत सर्जरी जरूरी हो गई थी। इस सर्जरी में कार्डियक एनेस्थीसिया व पीडियाट्रिक इन्टेंसिव केयर टीम का महत्वपूर्ण रोल था। सर्जरी के सात दिन बाद मरीज को छुट्टी दे दी गई। अब वह पूरी तरह स्वस्थ्य है।
बच्ची के दादा अरुण बीका ने कहा किए हम राजस्थानए हरियाणा और पंजाब के आठ अन्य अस्पतालों में बच्ची को दिखा चुके थेए सभी जगह रिस्की केस होने की कह कर मना करने से आशा खो चुके थे। एक जगह तो कहा गया किए अगर बच्ची का जीवन बचाने के लिए प्रयास भी करते हैं तो उसे जीवनभर बिस्तर पर ही रहना पड़ सकता है। यह नारायणा हॉस्पीटल की कार्डियक टीम थीए जिससे हमें उम्मीद थी किए हमारी बच्ची की जान बचाई जा सकती है और सर्जरी के बाद वह सामान्य जिंदगी जी सकती है। यह सबसे जटिल ह्रदय संबंधी विकार का इलाज कराने में हमारा विश्वास और जटिल हृदय मामलों का इलाज करने का अनुभव था जिसने हमें नई आशा दी।