ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई के अनुसार मोक्षदा एकादशी पर विष्णुपूजा बहुुत शुभ फलदायी होती है। माना जाता है कि इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करनेवालों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस एकादशी पर व्रत करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। सभी पापों का नाश होता है।
हिंदू धर्मग्रंथों के मुताबिक अगहन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का एक अन्य वजह से भी बहुत महत्व है। मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने इसी दिन अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। यही कारण है कि यह दिन गीता जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन घर या मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की विधिवत् पूजा करनी चाहिए।
माना जाता है कि मोक्षदा एकादशी पर पूजा—पाठ का पितरों को भी फल प्राप्त होता है। मोक्षदा एकादशी पर यथासंभव व्रत रखना चाहिए। इस दिन मंत्रों का जाप करना भी लाभकारी रहेगा।
एकादशी तिथि प्रारंभ – 24 दिसंबर की रात 11.17 बजे
एकादशी तिथि समाप्त –25 दिसंबर की रात 1.54 बजे
इस दिन लक्ष्मी—नारायण यानि भगवान विष्णु के साथ ही मां लक्ष्मी की भी पूजा करें। इनकी पूजा से धन लाभ के योग बनते हैं। लक्ष्मी—नारायण की नियमित पूजा से आर्थिक संकट दूर होता है। पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें और शाम को दीपदान करें। एकादशी पर तुलसी पूजा जरूर करें और शाम को घी का दीपक जलाएं।