scriptमुश्किल से एक अंडा देने वाले गोडावण ने इस बार दिए 12 अंडे | Godavan, who laid an egg with difficulty, laid 12 eggs this time. | Patrika News

मुश्किल से एक अंडा देने वाले गोडावण ने इस बार दिए 12 अंडे

locationजयपुरPublished: Jun 24, 2020 06:47:54 pm

Submitted by:

Abrar Ahmad

री-नेस्टिंग या टिड्डी का कमाल: संभवतया टिड्डी का प्रोटीन युक्त पौष्टिक आहार होने से गोडावण की प्रजनन क्षमता बढ़ गई

bird of rajasthan

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गजेन्द्र सिंह दहिया

जोधपुर. ढाई दशक बाद हुए बड़े टिड्डी हमलों के कारण एक तरफ जहां पाकिस्तान, सोमालिया जैसे देशों को नेशनल इमरजेंसी घोषित करनी पड़ी, वहीं राजस्थान के राज्य पक्षी गोडावण के लिए टिड्डी वरदान बनकर आई है। पिछले साल टिड्डी हमले के बाद जैसलमेर क्षेत्र में विचरण करने वाले गोडावण को टिड्डी भोजन के रूप में खाने को मिली। प्रोटीन युक्त पौष्टिक आहार होने से गोडावण की प्रजनन क्षमता बढ़ गई। सामान्यत: वन विभाग के अधिकारियों को गोडावण क्षेत्रों में दो-चार अंडे ही मिलते हैं जबकि इस बार एक साथ 14 अंडे रिपोर्ट किए गए। वन विभाग का कहना है कि गोडावण की री-नेस्टिंग भी संभव है।
एक साल में एक अंडा भी मुश्किल
गोडावण यानी ग्रेट इंडियन बस्टर्ड शर्मिला पक्षी है। यह 1 साल में एक अंडा भी मुश्किल से देता है। कभी-कभार 2 या 3 साल में एक गोडावण एक अंडा देता है। इसी कारण इसकी प्रजाति अस्तित्व के संकट का सामना कर रही है।
कीटनाशक फ्री टिड्डी

राजस्थान में वर्तमान में गोडावण जैसलमेर के सुधासरी, रामदेवरा और पोकरण में पाए जाते हैं। मई 2019 में 27 साल बाद टिड्डी का हमला हुआ था। टिड्डी चेतावनी संगठन द्वारा जैसलमेर में पेस्टिसाइड स्प्रे करने के दौरान गोडावण के क्षेत्र में वन विभाग के अधिकारियों ने ऐतराज जताया था। इसके बाद गोडावण को बचाते हुए टिड्डी नियंत्रण कार्यक्रम चलाया। यही कारण रहा कि गोडावण को कीटनाशक फ्री टिड्डी खाने को मिल गई।
देश में 150 गोडावण
गोडावण अस्तित्व के संकट से जूझ रहा है। वर्तमान में जैसलमेर के कुछ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 130 पक्षी रहते हैं। बारां के सोरसेन व अजमेर के सांकलिया से गायब हो चुके हैं। राजस्थान के अलावा गुजरात में 5 और महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में 10 गोडावण रिपोर्ट हैं। इससे पहले उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश ,हरियाणा में भी गोडावण मिलते थे लेकिन वहां विलुप्त हो गए हैं।
पाकिस्तान में भी आबादी लेकिन प्रजनन नहीं

राजस्थान से लगते पाकिस्तान के सिंध प्रांत में भी गोडावण की अच्छी खासी आबादी है। वहां गोडावण प्रजनन नहीं करता है। पाकिस्तान में गोडावण के शिकार पर रोक नहीं है। ऐसे में वहां शिकारियों द्वारा इसका शिकार आसानी से किया जाता है। राजस्थान से गोडावण सीमा पार करके पाकिस्तान चले जाते हैं और वहां मारे जाते हैं।
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‘टिड्डी को खाने के कारण गोडावण की प्रजनन क्षमता में वृद्धि हुई है। हमने एक साथ 14 अंडे रिपोर्ट किए हैं।

– वाईवी झाला, प्रभारी, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड प्रोजेक्ट, देहरादून

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