1. कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी का साया मडरा रहा है, जिसके चलते निवेशकों का रुझान सॉफ्ट एसेट्स (शेयर बाजार) के बजाय हार्ड एसेट्स (सोना, चांदी या रियल एस्टेट, कच्चा तेल आदि) की तरफ ज्यादा है। इनमें सोना और चांदी उनकी पहली पसंद है, क्योंकि इसे संकट का साथी माना जाता है।
2. कोरोना के कहर से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न देशों में लाए गए राहत पैकेज से सोने और चांदी में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ गई है, क्योंकि राहत पैकेज से महंगाई बढऩे की आशंका बनी रहती है जिसके कारण निवेशकों का झुकाव सुरक्षित निवेश के साधन की तरफ जाता है।
3. भूराजनीतिक तनाव के कारण अनिश्चितता के माहौल में निवेशकों का रुझान सोने और चांदी की तरफ बनी हुई है।
4. अमेरिकी डॉलर में कमजोरी के चलते सोने और चांदी की तेजी को सपोर्ट मिल रहा है।
5. ईटीएफ की खरीद के प्रति निवेशकों का रुझान होने से सोने और चांदी में तेजी बनी हुई है।
6. सोने के गहनों के मूल्य का 90 फीसदी तक कोरोना काल में कर्ज देने की भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति से घरेलू बाजार में सोने के गहनों की मांग बढ़ सकती है।