गणगौरी अस्पताल में 6 महीने में तीन मंजिल का 267 बेड सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक तैयार हो जाएगा। जिसमें ट्रॉमा सेंटर, आईसीयू, इमरजेंसी और मोर्चरी की सुविधा होगी। इन सुविधाओं के बाद इन दोनों अस्पतालों की क्षमता दोगुनी हो जाएगी। जयपुरिया में भी इसी साल नया ट्रॉमा सेंटर तैयार करने का दावा है। इनके बाद इमरजेंसी इलाज के लिए एसएमएस ट्रॉमा सेंटर पर निर्भरता कम हो जाएगी।
मेनपॉवर अभी भी कम, आगे लिए क्या ? इन नए भवनों और सुविधाओं के लिए मेनपॉवर में करीब 20 से 30 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की आवश्यकता होगी। अभी भी यहां 50 से 100 मरीजों वाले वार्ड और आईसीयू में भी इक्क दुक्का नर्सिंग और डॉक्टर ही मौजूद रहते हैं। जिससे मरीजों की पोस्ट केयर में दिक्कत आती है।
प्रताप नगर में बनेगी बोनमैरो यूनिट एसएमएस का भार कम करने के लिए प्रताप नगर में राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) के अधीन आरयूएचएस अस्पताल बनाया गया। इसकी बेड क्षमता करीब 1200 बेड की है। हालांकि इस विशाल भवन की तरफ मरीजों का रुझान शुरूआत में कम रहा। अब जो नए भवन बन रहे हैं, वो एसएमएस मेडिकल कॉलेज के अधीन ही बन रहे हैं। प्रताप नगर में ही स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट शुरू हो चुका है। यहां देश में सरकारी क्षेत्र की सबसे बड़ी बोनमैरो ट्रांसप्लांट यूनिट भी प्रस्तावित है।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज : अभी 6500 बेड क्षमता एसएमएस, जेकेलोन, जनाना, महिला, गणगौरी, कांवटिया, बनीपार्क, सेठ कॉलोनी, मनोरोग, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, ट्रॉमा सेंटर और श्वांस रोग संस्थान की कुल बेड क्षमता करीब 6500 बेड है। जिनमें करीब 45 वार्ड, 1500 डॉक्टर और 4 हजार नर्सेज सेवाएं दे रहे हैं। इन अस्पतालों में करीब 30 हजार मरीजों को रोजाना आउटडोर में देखा जा रहा है। सभी नए प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद राजधानी में सरकारी क्षेत्र की कुल बेड क्षमता करीब 10 हजार से भी अधिक होगी।
— नई सुविधाओं का काम तेजी से चल रहा है। जल्द ही इनका काम शुरू होगा। इससे चारदीवारी और आस-पास के लोगों को आपात सुविधाएं मिल सकेंगी।
डॉ.लीनेश्वर हर्षवर्धन, अधीक्षक, गणगौरी अस्पताल —
आईपीडी टॉवर का काम तेजी से चल रहा है। यह शहर ही नहीं बल्कि पूरे राज्य के लिए बड़ी सौगात होगी। मेनपॉवर का भी सरकार के पास प्रस्ताव है।
डॉ.अचल शर्मा, अधीक्षक, एसएमएस अस्पताल