श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को गोनेर में (मंदिर के तत्वावधान में) श्रावण मेले का आयोजन होता है। हजारों की संख्या में भक्त झंडे (निशान) के साथ पैदल परिक्रमा लेकर और दंडवत करते हुए जगदीश बाबा के जयकारे लगाते हुए मंदिर (Sri Lakshmi-Jagdish Mandir Goner) पहुंचते हैं और बाबा से मन्नतें करते हैं। श्रावण मास लगते ही चारों और हरियाली बिखर आती है। मौसम सुहावना हो जाता है और भक्तों की पैदल परिक्रमाओं का दौर शुरू हो जाता है, जो भाद्रपद मास में अपने चरम पर होता है। मंदिर के पुजारियों के अनुसार दूर-दूर से आने वाले भक्तगण 15 दिनों तक भगवान के दर्शनों का नजदीक से दर्शनों का सौभाग्य उठाते हैं।
हर वर्ष की भांति श्रावण मास की शुक्ल पक्ष द्वितीया से और भगवान श्री लक्ष्मीपति जगदीश महाराज गोनेर धाम अपने समस्त विग्रहों सहित गर्भ गृह से निकल कर बाहर जगमोहन में सखियों सहित झूलों में विराजमान होते हैं। इससे भगवान जगदीश जी के दर्शन बहुत नजदीक से करने का सौभाग्य मिलता है। भगवान लक्ष्मीपति जगदीश भाद्रपद द्वितीया तक झूलों मे विराजमान रहते हैं, अर्थात लगभग 15 दिनों तक भगवान अपने गर्भ गृह से निकल कर बाहर विचरण करते हैं।