script15 दिन गर्भगृह से निकल झूले में विराजेंगे जगदीश धणी | goner Jagdish Dhani will sit in the swing for 15 days | Patrika News

15 दिन गर्भगृह से निकल झूले में विराजेंगे जगदीश धणी

locationजयपुरPublished: Aug 03, 2022 12:50:31 am

Submitted by:

Gaurav Mayank

भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष दूज तक गर्भगृह के बाहर झूलों में रहेंगे विराजमान : गोनेर के श्री लक्ष्मी-जगदीश मंदिर का 15 दिवसीय झूला महोत्सव शुरू हो गया। लक्ष्मी-जगदीश महाराज, चार भुजानाथ बिहारीजी और सालिगरामजी की प्रतिमाओं को जगमोहन में काष्ठ के झूलों में विराजित किया गया।

15 दिन गर्भगृह से निकल झूले में विराजेंगे जगदीश धणी

15 दिन गर्भगृह से निकल झूले में विराजेंगे जगदीश धणी

जयपुर। सावन मास में अनेक स्थानों पर देवी-देवताओं के मेले और महोत्सव शुरू होते हैं। इसी कड़ी में गोनेर के श्री लक्ष्मी-जगदीश मंदिर (Sri Lakshmi-Jagdish Mandir Goner) का 15 दिवसीय झूला महोत्सव शुरू हो गया। लक्ष्मी-जगदीश महाराज, चार भुजानाथ बिहारीजी और सालिगरामजी की प्रतिमाओं को जगमोहन में काष्ठ के झूलों में विराजित किया गया। जगदीश महाराज 15 दिन यानी भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष दूज तक गर्भगृह के बाहर झूलों में ही विराजमान रहेंगे। झूलों की सजाई झांकी के दर्शन करने के साथ श्रद्धालु सेल्फी ले रहे हैं। जगदीश महाराज (Sri Lakshmi-Jagdish Mandir Goner) के सावन शुक्ल एकादशी को आयोजित होने वाला लक्खी झूलों का मेला अगस्त माह में आयोजित होगा।
श्रावण शुक्ल एकादशी को लगेगा मेला
श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को गोनेर में (मंदिर के तत्वावधान में) श्रावण मेले का आयोजन होता है। हजारों की संख्या में भक्त झंडे (निशान) के साथ पैदल परिक्रमा लेकर और दंडवत करते हुए जगदीश बाबा के जयकारे लगाते हुए मंदिर (Sri Lakshmi-Jagdish Mandir Goner) पहुंचते हैं और बाबा से मन्नतें करते हैं। श्रावण मास लगते ही चारों और हरियाली बिखर आती है। मौसम सुहावना हो जाता है और भक्तों की पैदल परिक्रमाओं का दौर शुरू हो जाता है, जो भाद्रपद मास में अपने चरम पर होता है। मंदिर के पुजारियों के अनुसार दूर-दूर से आने वाले भक्तगण 15 दिनों तक भगवान के दर्शनों का नजदीक से दर्शनों का सौभाग्य उठाते हैं।
गर्भ गृह से निकल जगमोहन में विराजमान
हर वर्ष की भांति श्रावण मास की शुक्ल पक्ष द्वितीया से और भगवान श्री लक्ष्मीपति जगदीश महाराज गोनेर धाम अपने समस्त विग्रहों सहित गर्भ गृह से निकल कर बाहर जगमोहन में सखियों सहित झूलों में विराजमान होते हैं। इससे भगवान जगदीश जी के दर्शन बहुत नजदीक से करने का सौभाग्य मिलता है। भगवान लक्ष्मीपति जगदीश भाद्रपद द्वितीया तक झूलों मे विराजमान रहते हैं, अर्थात लगभग 15 दिनों तक भगवान अपने गर्भ गृह से निकल कर बाहर विचरण करते हैं।
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