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काम की खबर : कैंसर, लीवर सहित इन गंभीर बीमारियों की दवाइयां अब मिलेगी नि:शुल्क

locationजयपुरPublished: May 16, 2019 02:31:50 pm

Submitted by:

Deepshikha Vashista

नि:शुल्क दवा योजना में जुड़ेगी 80 तरह की दवाएं

jaipur

काम की खबर : कैंसर, लीवर सहित इन गंभीर बीमारियों की दवाइयां अब मिलेगी नि:शुल्क

विकास जैन / जयपुर. प्रदेश में संचालित निशुल्क दवा योजना ( free medication scheme ) में आचार संहिता के बाद 80 तरह की दवाइयां शामिल करने की तैयारी चिकित्सा विभाग ने शुरू कर दी है। इनमे कैंसर ( cancer ), गुर्दा रोग, श्वांस रोग सहित अन्य कुछ विभागों की दवाइयां शामिल हैं। सूची में जुडऩे के बाद भी दर्जनों दवाइयां ऐसी हैं, जो निशुल्क दवा काउंटर पर निशुल्क सूची में शामिल नहीं है। बाजार में ये दवाइयां मरीजों को महंगे दामों पर खरीदनी पड़ रही हैं।
चिकित्सा विभाग के अनुसार आचार संहिता हटने के बाद निशुल्क दवा की सूची में इन दवाओं को जोड़ा जाएगा। प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद इन दवाइयों को सूची में शामिल करने की घोषणा मुख्यमंत्री ने विधानसभा में की थी। अब इसका प्रस्ताव तैयार कर सूची में शामिल करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
इस समय कैंसर, गुर्दा और सांस रोग की करीब 50 से अधिक दवाइयां ऐसी हैं, जो सशुल्क ही हैं और निशुल्क श्रेणी की सूची में शामिल नहीं हैं। इनके अलावा अन्य विभागों की भी करीब 50 दवाइयां ऐसी हैं, जो निशुल्क दवा काउंटरों पर नहीं मिल पा रही। कांग्रेस सरकार ने ही 2011 में निशुल्क दवा की शुरुआत की जाएगी।
कैंसर थैरेपी भी हो सकती है निशुल्क :

कुछ दवाइयों और थैरेपी की कीमत हजारों रुपए और एक लाख रुपए तक भी है। गुर्दा रोग में मल्टी बीमारियों का उपचार चलता है, जिनमे ब्लड प्रेशर, यूरोलोजी व अन्य बीमारियों की दवाइयां भी चलती हंै। इनमे कई दवाइयां पहले से निशुल्क हैं। लेकिन अब नई घोषणा से ट्रांसप्लांट के दौरान और उसके बाद चलने वाली सशुल्क श्रेणी की दवाइयों के भी निशुल्क होने की आस बढ़ गई है। दरअसल, सशुल्क श्रेणी में चल रही दवाओं में अधिकांश दवाएं पिछले पांच सालों के दौरान नई जुड़ी दवाइयां हैं।
कैंसर, गुर्दा व श्वांस रोग सहित अन्य कुछ विभागों की 80 से 100 तरह की दवाइयां निशुल्क सूची में शामिल किए जाने की तैयारी कर रहे हैं। पूरी संभावना है कि आचार संहिता हटने के बाद ये दवाएं सूची में शामिल होंगी। आगे भी निशुल्क दवा सूची में शामिल होने की प्रक्रिया जारी रहेगी।
सुरेशचंद गुप्ता, प्रबंध निदेशक, राज.मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन

इसलिए बाहर रहीं दवाएं

प्रदेश में इस समय 600 से अधिक दवाइयां, सूचर्स व इंजेक्टेबल दवाइयां निशुल्क की सूची में शामिल हैं। लेकिन पिछले पांच साल के दौरान दवाओं की संख्या नहीं बढ़ी। वहीं अलग अलग विभागों में नई दवाइयां व उपचार शुरू हो गए। ये दवाइयां मरीजों को बाजार से ही खरीदनी पड़ रही हैं। निशुल्क की सूची में नहीं मिली दवा चर्म रोग विभाग में एक मरीज को चर्म की दो अलग अलग ट्यूब मरीज को लिखी गई। निशुल्क दवा काउंटर पर बताया गया कि यह दवा निशुल्क सूची में शामिल नहीं है। यह भी बताया गया कि यह नया साल्ट है, ऐसे में इसका कोई विकल्प भी यहां नहीं मिलेगा।
सूची में ये दवाएं हो सकती हैं शामिल

सेलमेट्रोल एंड प्लूटिकासोन, टायोट्रोपियम, ग्लाइकोपाइरोनियम, सिफोरोइक्जाइन, सेप्टाजीडाइम, निमिसुलाइड, एबीफाइलिन, मिथाइलप्रेडनिसिलोन, फेक्सोफेनाडिन, पैगफिलग्रेस्टिम टेडाल्पिफल, बोसेनटेन, परपिफनिडोन, इट्राकोनाजोल, माइको फिनोलेट सोडियम, लिकोरडिल, एप्राप्रोपियम, एसिकोपर्फाइलिन, ऐनेस्थाजोन, मेनोपेक्लोटोक्सिन, जोसीटौक्सिल, ऐेनेस्टीएलो, लिट्राजोल।
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