बघेरों की गणना कैमरा ट्रैप पद्धति से की गई है। खासबात है कि, देश में लेपर्ड की सर्वाधिक आबादी वाले टाइगर रिजर्व की श्रेणी में सरिस्का और रणथम्भौर दोनों टॉप 15 में शुमार हैं। यदि राजस्थान के लेपर्ड रिजर्व, सेंचुरी और अन्य वन क्षेत्रों को जोड़ दिया जाए तो बघेरों की संख्या 1,000 को पार कर जाएगी। जारी रिपोर्ट के अनुसार देशभर में बघेरों की संख्या 12,852 से बढ़कर 13,874 हो गई है। राजस्थान में पांच वर्ष के दौरान 245 बघेरे बढ़े हैं।
रिपोर्ट के अनुसार देशभर में लेपर्ड की सर्वाधिक आबादी वाले टाइगर रिजर्व की श्रेणी में सरिस्का तीसरे स्थान पर काबिज है। यहां 269 बघेरे हैं। वर्ष 2018 से 2022 के मध्य यहां 102 बघेरे बढ़े हैं। दूसरी ओर रणथम्भौर नेशनल पार्क में भी वर्ष 2018 से 2022 के मध्य 80 बघेरे बढ़े हैं। टाइगर रिजर्व में बघेरों का कुनबा बढ़ रहा है, लेकिन उनके लिए भोजन और आवास पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
चारों टाइगर रिजर्व में उच्च अधिकारी सिर्फ बाघों की मॉनिटरिंग में जुटे रहते हैं, बघेरों को लेकर कोई विशेष इंतजाम नहीं करते। बघेरों के लिए अलग से मैनेजमेंट प्लान की जरूरत है। यहां तक कि भाजपा सरकार के पिछले कार्यकाल में लागू हुआ लेपर्ड प्रोजेक्ट अभी तक ठंडे बस्ते में है। यही वजह है कि भोजन और पानी की तलाश में बघेरे आबादी क्षेत्र में पहुंच रहे हैं, जहां उन्हें जान गंवानी पड़ रही है।
कहां कितने बढ़े बघेरे…
सरिस्का 102
रणथम्भोर 80
प्रदेश में 245
देश में 1,022