नई दिल्ली। राशन उपभोक्ताओं (ration n consumers) के लिए खुशखबरी है वे जल्द ही देश में कहीं भी राशन की दुकान (Ration shop) से खाद्य सामग्री ले सकेंगे। इसके लिए सरकार ने ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ (One Nation – One Ration card ) योजना के पायलट प्रॉजेक्ट (Pilot project) को लॉन्च कर दिया है। आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, गुजरात और महाराष्ट्र के बीच कार्ड पोर्टेबिलिटी (Card portability) की सुविधा का केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने शुक्रवार को ऑनलाइन उद्घाटन किया। पायलट प्रॉजेक्ट के सफल रहने पर इस योजना को देशभर में लागू किया जाएगा। इस योजना के तहत राशन कार्ड देशभर में मान्य हो जाएंगे और एक राज्य के लोग दूसरे राज्य में भी राशन सामग्री ले सकेंगे।
इसलिए लाए योजना
सरकार को उम्मीद है कि इससे भ्रष्टाचार पर लगाम और राशन विक्रेताओं की मनमानी पर रोक लग सकेगी। इसके साथ ही रोजगार या अन्य वजहों से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने वाले गरीबों को सब्सिडी वाले राशन से वंचित नहीं होना पड़ेगा। इसके साथ ही एक से अधिक कार्ड रखने की प्रवृति पर भी रोक लग जाएगी।
प्रवासी मजदूरों को ज्यादा लाभ
‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ योजना के पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और गुजरात, महाराष्ट्र के बीच कार्ड पोर्टेबिलिटी की सुविधा का विधिवत ऑनलाइन उद्घाटन किया और विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए योजना संचालन की समीक्षा की। केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने योजना की लांचिंग के अवसर पर दावा कि कि इस योजना का सर्वाधिक लाभ प्रवासी मजदूरों को मिलेगा। उन्हें पूर्ण खाद्य सुरक्षा मिलेगी। इससे लाभार्थियों को आजादी मिलेगी, क्योंकि वे एक राशन दुकान से बंधे नहीं होंगे। इससे भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी।
डुब्लीकेट्स काड्र्स हटेंगे
पायलट प्रोजेक्ट को सफल बनाने के साथ ही इस योजना को देशभर में लागू करने के लिए खाद्य मंत्रालय सभी कार्ड्स का एक केंद्रीय डेटाबेस तैयार करेगा, जो डुब्लीकेट कार्ड्स को हटाने में मददगार होगा।
कई राज्यों में एेसी योजना
खाद्य मंत्रालय ने कहा कि आईएमपीडीएस राजस्थान, आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, तेलंगाना और त्रिपुरा में पहले से लागू है, जहां कोई भी लाभार्थी अपने हिस्से का राशन किसी भी जिले से प्राप्त कर सकता है। केंद्र गरीबों के हित में इसे सभी राज्यों से लागू करने की अपील की है।
इसलिए लाए योजना
सरकार को उम्मीद है कि इससे भ्रष्टाचार पर लगाम और राशन विक्रेताओं की मनमानी पर रोक लग सकेगी। इसके साथ ही रोजगार या अन्य वजहों से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने वाले गरीबों को सब्सिडी वाले राशन से वंचित नहीं होना पड़ेगा। इसके साथ ही एक से अधिक कार्ड रखने की प्रवृति पर भी रोक लग जाएगी।
प्रवासी मजदूरों को ज्यादा लाभ
‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ योजना के पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और गुजरात, महाराष्ट्र के बीच कार्ड पोर्टेबिलिटी की सुविधा का विधिवत ऑनलाइन उद्घाटन किया और विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए योजना संचालन की समीक्षा की। केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने योजना की लांचिंग के अवसर पर दावा कि कि इस योजना का सर्वाधिक लाभ प्रवासी मजदूरों को मिलेगा। उन्हें पूर्ण खाद्य सुरक्षा मिलेगी। इससे लाभार्थियों को आजादी मिलेगी, क्योंकि वे एक राशन दुकान से बंधे नहीं होंगे। इससे भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी।
डुब्लीकेट्स काड्र्स हटेंगे
पायलट प्रोजेक्ट को सफल बनाने के साथ ही इस योजना को देशभर में लागू करने के लिए खाद्य मंत्रालय सभी कार्ड्स का एक केंद्रीय डेटाबेस तैयार करेगा, जो डुब्लीकेट कार्ड्स को हटाने में मददगार होगा।
कई राज्यों में एेसी योजना
खाद्य मंत्रालय ने कहा कि आईएमपीडीएस राजस्थान, आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, तेलंगाना और त्रिपुरा में पहले से लागू है, जहां कोई भी लाभार्थी अपने हिस्से का राशन किसी भी जिले से प्राप्त कर सकता है। केंद्र गरीबों के हित में इसे सभी राज्यों से लागू करने की अपील की है।