कर्नाटक चुनाव के मद्देनजर सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों को 24 अप्रेल 2018 से अगले 20 दिनों तक अपरिवर्तित रखा था। लेकिन चुनाव के बाद 14 मर्इ के बाद से लगातार पेट्रो कीमताें में इजाफा हाे रहा है।
उतार-चढ़ाव क्रूड ऑयल की कीमतों पर निर्भर
तेल की बढ़ी हुई कीमतों के विरोध पर उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने कहा कि चुनावी साल है, इसलिए सचिन पायलट की नींद खुली है। भाजपा प्रदेश कार्यालय में जनसुनवाई के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि सब उतार-चढ़ाव क्रूड ऑयल की कीमतों के आधार पर तय होता है।
तेल की बढ़ी हुई कीमतों के विरोध पर उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने कहा कि चुनावी साल है, इसलिए सचिन पायलट की नींद खुली है। भाजपा प्रदेश कार्यालय में जनसुनवाई के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि सब उतार-चढ़ाव क्रूड ऑयल की कीमतों के आधार पर तय होता है।
एक-दो दिन में बेहतर परिणाम निकलेंगे
कई लोग तेल को जीएसटी के दायरे में रखने की मांग कर रहे हैं, उसको लेकर दिल्ली में केंद्रीय मंत्री के साथ ऑयल कंपनियों की बैठक है। निश्चित रूप से एक-दो दिन में बेहतर परिणाम निकलेंगे जो जनता के हित में होंगे।
कई लोग तेल को जीएसटी के दायरे में रखने की मांग कर रहे हैं, उसको लेकर दिल्ली में केंद्रीय मंत्री के साथ ऑयल कंपनियों की बैठक है। निश्चित रूप से एक-दो दिन में बेहतर परिणाम निकलेंगे जो जनता के हित में होंगे।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि पेट्रोल आैर डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी का मामला सीधे तौर पर कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर है। एेसा भी नहीं है कि हमेशा दाम बढ़ते हैं। जब कच्चे तेल के दाम कम होते हैं तो पेट्रोल डीजल की दरें भी कम होती हैं।
वैसे अगर राज्य सरकार प्रदेश में पेट्रोल आैर डीजल पर लगने वाला वैट और सेस कम कर दे तो पेट्रोल डीजल की दरें काफी कम हो सकती हैं, लेकिन ऐसा करने का सीधा असर सरकार के राजकोष पर पड़ेगा।
मालूम हाे कि 16 जून 2017 से ही पेट्रोल व डीजल के दामाें में हर दिन संशोधन हो रहा है। इससे पहले सरकारी तेल विपणन कंपनियां ईंधन की कीमतों की हर पंद्रह दिन में समीक्षा किया करती थीं।