काम पूरा होते ही जयपुर जंक्शन से बिजली से संचालित रेलगाड़ियां दौड़ती नजर आएंगी। जानकारी के मुताबिक इन रेलमार्गों में कनकपुरा से फुलेरा, गांधीनगर से बांदीकुई, बांदीकुई से भरतपुर, फुलेरा से मदार समेत कई रेलमार्ग शामिल हैं। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक जयपुर जंक्शन पर रेलवे यार्ड के रिमोडलिंग काम के बाद जयपुर से गांधी नगर व जयपुर से कनकपुरा तक का काम फरवरी-मार्च तक पूरा हो सकेगा।
उतर पश्चिम रेलवे के मुख्य परियोजना निदेशक राजेश मोहन ने बताया कि दिल्ली सराय रोहिल्ला से-रेवाड़ी-फुलेरा-उदयपुर तक का कार्य पूरा हो गया है। सिर्फ मदार-अजमेर-आदर्श नगर स्टेशन का कार्य प्रगति पर है, जिसे इस माह पूरा कर सीआरएस निरीक्षण कराया जाएगा। इसके अलावा गांधीनगर से बांदीकुई का कार्य पूरा हो चुका है। जिसका सीआरएस इंस्पेक्शन शीघ्र कराया जाएगा।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक मारवाड़ क्षेत्र के जोधपुर, बाड़मेर और जैसलमेर क्षेत्र में भी 2189 किलोमीटर रेलमार्गों के विद्युतीकरण का कार्य जल्द शुरू होगा। वर्तमान में यहां सब स्टेशन आदि को लेकर सर्वे किया जा रहा है। इसमें समदड़ी से बाड़मेर, मुनाबाव, मेड़ता से जोधपुर व मेड़ता से फुलेरा, लालगढ़ से ब्रिडवाल, सीकर से लुहारू, डेगाना से रतनगढ़ व पीपाड़, मकराना, परबतसर, मेड़ता रोड व मेड़ता सिटी और सूरतगढ़, जोधपुर, भीलड़ी, फलोदी, जैसलमेर रेलमार्ग शामिल है। इसमें करीब डेढ़ से दो वर्ष का समय लग सकता है।