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कोरोना और बाढ़ के बीच कृषि क्षेत्र के लिए अच्छी खबर, धान की रिकॉर्ड रोपाई

locationजयपुरPublished: Aug 15, 2020 06:10:55 am

Submitted by:

Swatantra Jain

शहरी अर्थव्यवस्था जरूर पिछले कुछ समय से कोविड 19 के लॉकडाउन से जूझती दिख रही है, लेकिन खरीफ फसलों के बेहतरीन बुआई आंकड़े ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की उम्मीद जगाने वाले हैं। अगस्त के पहले सप्ताह तक खऱीफ फसलों का रकबा पिछले साल की अपेक्षा 10 फीसदी से भी अधिक है। प्रमुख खरीफ फसलों जैसे धान, दलहन, मोटे अनाज और तिलहन के बुआई के आंकड़ों से पता चलता है कि इस वर्ष 7 अगस्त तक खेतों में बुआई का कुल रकबा 963.55 लाख हेक्टेयर पहुंच चुका है, पिछले साल इस समय तक खरीफ फसलों का रकबा 877.52 था।

Indian Economy

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शहरी अर्थव्यवस्था जरूर पिछले कुछ समय से कोविड 19 के लॉकडाउन से जूझती दिख रही है, लेकिन
खरीफ फसलों के बेहतरीन बुआई आंकड़े ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की उम्मीद जगाने वाले हैं। अगस्त के पहले सप्ताह तक खऱीफ फसलों का रकबा
पिछले साल की अपेक्षा 10 फीसदी से भी अधिक है। प्रमुख खरीफ फसलों जैसे धान, दलहन, मोटे अनाज और तिलहन के बुआई के आंकड़ों से पता चलता है कि
इस वर्ष 7 अगस्त तक खेतों में बुआई का कुल रकबा 963.55 लाख हेक्टेयर पहुंच चुका है, जबकि पिछले साल इस समय तक देश में खरीफ फसलों का रकबा
877.52 लाख हेक्टेयर था।
चालू सीजन के दौरान अच्छी बारिश के कारण देश में प्रमुख खरीफ फसलों का रकबा पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 10.03 फीसदी अधिक है। कृषि
मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक धान की रोपाई पिछले साल के मुकाबले 17.36 फीसदी अधिक हुई है। आंकड़ों के मुताबिक 7 अगस्त तक देशभर में 321.79
लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की रोपाई हुई है, जो पिछले साल की समान अवधि के 274.19 लाख हेक्टेयर की तुलना में 47.60 लाख हेक्टेयर अधिक है। देश में
खरीफ सीजन के दौरान धान का सामान्य रकबा 397.29 लाख हेक्टेयर है और कृषि मंत्रालय ने चालू सीजन में 364.72 लाख हेक्टेयर में धान के रोपाई का लक्ष्य
रखा है जिसके मुताबिक 7 अगस्त तक 302.81 लाख हेक्टेयर में बुआई होनी थी।
तिलहन , दलहन की बुआई भी बेहतरीन

चालू खरीफ सीजन में तिलहन फसलों की बुआई भी बेहतरीन है। देशभर में 7 अगस्त तक तिलहन का रकबा 181.20 लाख हेक्टेयर पहुंच चुका है, जबकि
पिछले साल यह 156.88 लाख हेक्टेयर ही था। तिलहन फसलों का रकबा पिछले साल की समान अवधि की तुलना में अब तक 15.50 फीसदी अधिक है।
सरकारी आंकड़ों में दलहन का रकबा भी पिछले साल की अपेक्षा बेहतर दिख रहा है। अब तक देश में 119.59 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में दलहन की बुआई हो चुकी
है, जो पिछले साल की समान अवधि के 114.77 लाख हेक्टेयर से 4.20 फीसदी अधिक है। दलहन फसलों से अरहर (तुअर) 42.50 लाख हेक्‍टेयर,
उड़द 34.55 लाख हेक्‍टेयर, मूंग 32.13 लाख हेक्‍टेयर, कुल्थी 0.05 लाख हेक्‍टेयर और अन्य दलहन का रकबा 10.36 लाख हेक्टेयर पहुंच चुका है।
मोटे अनाजों का रकबा भी बढ़ा

ज्वार, बाजरा, रागी और मक्का जैसे मोटे अनाजों के रकबे में समीक्षाधीन अवधि में 3.66 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। देश में अब तक मोटे अनाजों का रकबा
169.43 लाख हेक्टेयर पहुंच चुका है, जबकि पिछले साल इस समय तक मोटे अनाजों का रकबा 114.77 लाख हेक्टेयर था। कपास का रकबा 118.73 लाख
हेक्टेयर 4.90 लाख हेक्टेयर बढ़कर 123.64 लाख हेक्टेयर पहुंच चुका है जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 4.13 फीसदी अधिक है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी गति

बेहतर मॉनसून के कारण खरीफ फसलों की अच्छी बुआई राहत देने वाली खबर है। जिंस मामलों के जानकारों का कहना है कि कोविड-19 के कारण अर्थव्यवस्था
को गहरी चोट लगी है। ऐसे में खरीफ फसलों की बेहतरीन बुआई कृषि क्षेत्र को मजबूत करने वाली साबित होगी। हाल के महीनों में ग्रामीण विकास ने शहरी
विकास की गति को पीछे छोड़ दिया है। अच्छी फसल बुआई और अधिक उपज के कारण ग्रामीण आय और बढ़ेगी जिसका असर पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
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