scriptतकनीकी खामियों की वजह से नहीं हुई हेडली की गवाही, गुरुवार को हो सकते हैं अहम खुलासे | 26/11 Attack: David Headley's deposition adjourned till Tomorrow Due to a technical snag | Patrika News

तकनीकी खामियों की वजह से नहीं हुई हेडली की गवाही, गुरुवार को हो सकते हैं अहम खुलासे

locationजयपुरPublished: Feb 10, 2016 10:55:00 am

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26/11 मुंबई हमले में सरकारी गवाह बने पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली की बुधवार को तीसरे दिन गवाही नहीं शुरू हो सकी है।

26/11 मुंबई हमले में सरकारी गवाह बने पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली की बुधवार को तीसरे दिन गवाही नहीं शुरू हो सकी है। जानकारी के मुताबिक गवाही न होने का कारण तकनीकी खराबी है। स्पेशल प्रोसिक्यूटर उज्जवल निकम में बुधवार को बताया कि तकनीकी खराबी के चलते गवाही को स्थगित कर दिया गया है। अब गवाही गुरुवार होगी। कहा जा रहा है कि गुरुवार को अहम खुलासे हो सकते हैं।

स्पेशल प्रोसिक्यूटर ने बताया कि तकनीकी खराबी के चलते वीडियो क्नेक्शन स्थापित नहीं हो सका। हम उम्मीद कर सकते हैं तकनीकी खानियों को जल्द दूर किया जाएगा, ताकि हेडली से सवाल किए जा सके। उन्होंने कहा कि टाइम डिफरेंस (इंडिया-यूएस) भी एक टेक्निकल समस्या है। उन्होंने कहा कि भारतीय समयानुसार कल ( 7AM-1.30PM) पर सुनवाई होगी।

दूसरे दिन की गवाही में हुए ये खुलासे

– ताज होटल के कॉन्फ्रेंस हॉल में इंडियन डिफेंस साइंटिस्ट्स की मीटिंग में हमला करने की योजना थी। पाकिस्तान में अपने ठिकाने पर ताज होटल की डमी तैयार की।

– आईएसआई लश्कर-ए-तैयबा को वित्तीय, सैन्य एवं नैतिक मदद करता है। उसने इस संबंध में आईएसआई के चार अधिकारियों ब्रिज रियाज, कर्नल रियाज, कर्नल शाह, लेफ्टिनेंट हाम्जा और मेजर समर अली की पहचान की। 

– डेविड हेडली ने बताया कि वह लश्कर के साथ आईएसआई के लिए भी काम करता था। 

– हेडली ने बताया एक बार वह अपनी पत्नी के साथ भी मुंबई आया था। उसने यहां पर छत्रपति शिवाजी टर्मिनल रेलवे स्टेशन, नौसेना हवाई, पुलिस मुख्यालय, होटल ताज, होटल ओबराय और सिद्धि विनायक मंदिर की रेकी की थी। 

– मेजर इकबाल ने मुझे ऐसे इंडियन आर्मी के लोगों की भर्ती करने को कहा था जो ISI के लिए जासूस का काम करें।

– 2003 में लश्कर से जुड़े लोगों की एक गैदरिंग हुई थी। इसमें मौलाना मसूद अजहर गेस्ट स्पीकर था।

हेडली की गवाही के पहले दिन के खुलासे 

– हेडली ने कहा कि वह जमात-उद-दावा चीफ हाफिज सईद के निर्देश पर लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करता था। 

– 26/11 को हुए हमले से पहले भी 2 बार अटैक की कोशिश की गई थी। पहली कोशिश सितंबर 2008 में हुई थी लेकिन समुद्र में नाव के चट्टानों से टकरा जाने के कारण हथियार और विस्फोटक नष्ट हो गए थे। हालांकि नाव में सवार लोग बच गए थे। 

– दूसरी कोशिश अक्टूबर 2008 में हुई थी, लेकिन वह अटैक फेल हो गया। मुंबई पर हुआ तीसरा और आखिरी अटैक (26/11) सक्सेसफुल रहा। 

– हाफिज सईद और साजिद मीर आदि चाहते थे कि वह भारत में ही रहे और वहां कोई व्यापार करे ताकि वहां से आतंकवादियों को मदद दी जा सके।

(FILE PHOTO)


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