अफ्रीका से लगाया शिकारों को चूना
मुकदमे के अनुसार अफ्रीका से संदिग्ध ने ऑनलाइन पपी स्कैम में कई गूगल सेवाओं को काम में लिया। उसकी ऑनलाइन पोस्ट में प्योर ब्रीड पपी देने का वादा किया जाता है और पपी की फर्जी लुभावनी तस्वीरें लगाई जाती। अदालत में पेश दस्तावेजों में कहा गया है कि लोग उन पिल्लों के बदले सैकड़ों डॉलर भेज रहे थे। उनके पास न पिल्ले पहुंचे और न ही उनका पैसा वापस मिला।
मुकदमे के अनुसार अफ्रीका से संदिग्ध ने ऑनलाइन पपी स्कैम में कई गूगल सेवाओं को काम में लिया। उसकी ऑनलाइन पोस्ट में प्योर ब्रीड पपी देने का वादा किया जाता है और पपी की फर्जी लुभावनी तस्वीरें लगाई जाती। अदालत में पेश दस्तावेजों में कहा गया है कि लोग उन पिल्लों के बदले सैकड़ों डॉलर भेज रहे थे। उनके पास न पिल्ले पहुंचे और न ही उनका पैसा वापस मिला।
गूगल ने खोला संदिग्ध का कच्चा चिट्ठा
गूगल ने अपनी शिकायत में कहा है कि कैमरून के स्कैमर नोच नोएल ने पीड़ितों के साथ संवाद करने के लिए दर्जनों यूजरनेम के साथ जीमेल और गूगल वॉइस सेवाओं का उपयोग किया है। एक उदाहरण में, एक शिकार ने नोएल को एक पिल्ला खरीदने के लिए 700 अमरीकी डालर का भुगतान किया। 'इलेक्ट्रॉनिक उपहार कार्ड' भेजने के बाद, नोएल ने पीड़ित को यह कहकर भरमाया कि डिलीवरी कंपनी को अतिरिक्त 1,500 यूएस डालर की आवश्यकता है। शिकायत के मुताबिक, पिल्ला कभी नहीं आया।
गूगल ने अपनी शिकायत में कहा है कि कैमरून के स्कैमर नोच नोएल ने पीड़ितों के साथ संवाद करने के लिए दर्जनों यूजरनेम के साथ जीमेल और गूगल वॉइस सेवाओं का उपयोग किया है। एक उदाहरण में, एक शिकार ने नोएल को एक पिल्ला खरीदने के लिए 700 अमरीकी डालर का भुगतान किया। 'इलेक्ट्रॉनिक उपहार कार्ड' भेजने के बाद, नोएल ने पीड़ित को यह कहकर भरमाया कि डिलीवरी कंपनी को अतिरिक्त 1,500 यूएस डालर की आवश्यकता है। शिकायत के मुताबिक, पिल्ला कभी नहीं आया।
कोरोना काल में बढी पिल्लों की मांग
संदिग्ध का इरादा कोरोना महामारी में बढ़ी पिल्लों की मांग का फायदा उठाना था। गूगल की ओर से अदालत में पेश की गई एक स्टडी के आंकड़ों के मुताबिक 2019 के जनवरी से अक्टूबर तक की तुलना में 2021 की इसी अवधि में अमरीका में पपी फ्रॉड में 165% की वृद्धि हुई है। कोरोना काल के दौरान लोग घरों में कैद हो गए और पालतू की डिमांड बढ़ी। पपी—स्कैम में लगेे लोगों ने इसका फायदा उठाया और ठगी शुरू कर दी। बुजुर्ग उनका अधिक शिकार बने हैं।
संदिग्ध का इरादा कोरोना महामारी में बढ़ी पिल्लों की मांग का फायदा उठाना था। गूगल की ओर से अदालत में पेश की गई एक स्टडी के आंकड़ों के मुताबिक 2019 के जनवरी से अक्टूबर तक की तुलना में 2021 की इसी अवधि में अमरीका में पपी फ्रॉड में 165% की वृद्धि हुई है। कोरोना काल के दौरान लोग घरों में कैद हो गए और पालतू की डिमांड बढ़ी। पपी—स्कैम में लगेे लोगों ने इसका फायदा उठाया और ठगी शुरू कर दी। बुजुर्ग उनका अधिक शिकार बने हैं।