अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश पंवार ने मंगलवार को नरसिम्हन के शोक के कारण राज्य सरकार की ओर से पैरवी के लिए नहीं आने की जानकारी दी, इस पर हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग के नेतृत्व वाली वृहदपीठ ने मास्टर प्लान मामले की सुनवाई एक सप्ताह टाल दी थी। मास्टर प्लान मामले की सुनवाई मंगलवार को तीन माह बाद हुई थी। इसके विपरीत एएसजी पीएस नरसिम्हन मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहे थे।
मंगलवार को शोक का 12 वां दिन था नरसिम्हन को लेकर विरोधाभाषी तथ्य की ओर से जब एएजी का ध्यान दिलाया गया, तो उन्होंने कहा कि उनके पास दो दिन पहले ही आवेदन आ गया था और उन्होंने तभी डीआर के कार्यालय में आवेदन पेश कर दिया था। उन्होंने कहा कि उनको जहां तक जानकारी है, नरसिम्हन के यहां शोक का मंगलवार को 12 वां दिन था। उस दिन वे दिल्ली से बाहर नहीं जा सकते थे, लेकिन स्थानीय होने की वजह से शायद सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने चले गए।
मास्टर प्लान मामले की सुनवाई एक सप्ताह स्थगित
मास्टर प्लान मामले में राज्य सरकार की पैरवी के लिए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी एस नरसिम्हन जोधपुर नहीं पहुंच पाए, इसके चलते राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से सुनवाई टालने का आग्रह किया। इस पर कोर्ट ने 10 जुलाई को अपरान्ह 3 बजे तक सुनवाई टाल दी। कोर्ट ने अतिरिक्त महाधिवक्ता से पूछा था कि सरकार ने पिछली सुनवाई पर 12 जनवरी 2017 के निर्देशों की पालना में आ रही कठिनाईयों पर न्यायमित्र वरिष्ठ अधिवक्ता महेन्द्र सिंघवी से मिलकर शपथ पत्र पर सुझाव पेश करने को कहा था, उसका क्या हुआ। इस पर न्यायमित्र सिंघवी ने कहा कि सरकार 12 निर्देशों की पालना नहीं करना चाहती, जबकि ये महत्वपूर्ण हैं।
मास्टर प्लान मामले में राज्य सरकार की पैरवी के लिए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी एस नरसिम्हन जोधपुर नहीं पहुंच पाए, इसके चलते राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से सुनवाई टालने का आग्रह किया। इस पर कोर्ट ने 10 जुलाई को अपरान्ह 3 बजे तक सुनवाई टाल दी। कोर्ट ने अतिरिक्त महाधिवक्ता से पूछा था कि सरकार ने पिछली सुनवाई पर 12 जनवरी 2017 के निर्देशों की पालना में आ रही कठिनाईयों पर न्यायमित्र वरिष्ठ अधिवक्ता महेन्द्र सिंघवी से मिलकर शपथ पत्र पर सुझाव पेश करने को कहा था, उसका क्या हुआ। इस पर न्यायमित्र सिंघवी ने कहा कि सरकार 12 निर्देशों की पालना नहीं करना चाहती, जबकि ये महत्वपूर्ण हैं।