— कोविड—19 संक्रमण के चलते पहले लगा प्रतिबंध सरकार ने हटाया, विधायक कोष से खर्च के नियमों में फिर संशोधन
अब एक करोड़ स्वास्थ्य पर खर्च जरूरी, तो अन्य कार्यों पर भी लगा सकेंगे सवा करोड़
जयपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते विधायक निधि से पूरा पैसा स्वास्थ्य कार्यों पर खर्च करने संबंधी बाध्यता में सरकार ने अब ढ़ील दी है। विधायक अब अपनी सवा दो करोड़ रुपए की राशि में से एक करोड़ रुपए पूरी तरह से स्वास्थ्य सेवाओं के आधारभूत ढ़ांचा निर्माण पर लगाएंगे, जबकि शेष एक करोड़ की राशि को स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार अन्य कार्यों पर खर्च की जा सकेगी। राज्य सरकार ने इस बारे में विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के नियमों में संशोधन कर दिया है। इसके जरिए 27 अप्रेल को जारी नियमों को संशोधित किया गया है। पूर्व में सरकार ने कोरोना महामारी के चलते विधायक निधि की संपूर्ण सवा दो करोड़ की राशि को मौजूदा और अगले वित्तीय वर्ष में स्वास्थ्य संबंधी प्रयोजनों पर खर्च करने की बाध्यता लगा दी थी। सूत्रों के अनुसार विधायकों की मांग पर अब संशोधन किया है। नए नियमों के अनुसार स्वास्थ्य पर खर्च होने वाली एक करोड़ रुपए की राशि के जरिए जिला, उपजिला अस्पतालों, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में आवश्यक उपकरण खरीद हो सकेगी। सरकारी अस्पतालों में भवन निर्माण, मरम्म्त कार्य, पेयजल सुविधा के कार्य हो सकेंगे। जिला स्तरीय बड़े अस्पतालों में खर्च के लिए सरकार ने जिले के सभी विधायकों के कोष के पूलिंग की अनुमति भी दी है।
अभी वित्त विभाग में अटकी राशि
सरकार ने नया वित्तीय वर्ष शुरु होने से पहले 30 मार्च को ही विधायक कोष के लिए 450 करोड़ रुपए की राशि के आवंटन को मंजूरी दे दी थी। लेकिन बीते चार माह में वित्त विभाग से यह राशि जिलों को अब तक हस्तांतरित नहीं हो पाई है।