-निजी क्षेत्र को रक्षा उत्पाद बनाने का पहला मौका यह पहला मौका है जब रक्षा मंत्रालय ने देश के निजी क्षेत्र को जटिल तथा महत्वपूर्ण रक्षा उत्पाद बनाने का मौका दिया है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार मेक इन इंडिया के तहत रक्षा परिषद ने 3300 करोड़ रुपए की तीन परियोजनाओं को मंजूरी दी।
-बनेंगी टैंक रोधी गाइडेड मिसाइल और एपीयू पहली दो परियोजनाओं में टी-72 और टी-90 टैंकों के लिए तीसरी पीढ़ी की टैंक रोधी गाइडेड मिसाइल और अक्जलरी पॉवर यूनिट (एपीयू) बनाई जाएंगी। इससे सेना की मारक क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी और इससे उसे ‘फायर एंड फोरगेट’ और ‘टॉप अटैक’ क्षमता हासिल हो जाएगी। एपीयू की बदौलत सेना की रात में भी टैंकों से हमला करने की क्षमता बढ़ेगी। ये दोनों परियोजना मेक-2 श्रेणी के तहत होगी और इनसे देश में निजी क्षेत्र में अनुसंधान तथा विकास को बढ़ावा मिलेगा।
-इलेक्ट्रानिक वारफेयर प्रणाली होगी विकसित तीसरी परियोजना पर्वतीय तथा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इलेक्ट्रानिक वारफेयर प्रणाली विकसित करने से जुड़ी है। यह प्रणाली रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के जरिए विकसित की जाएगी। उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के निष्प्रभावी किए जाने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ रहा है, उसे देखकर माना जा रहा है कि भारत अब किसी तरह की जोखिम नहीं उठाएगा और दिन-ब-दिन अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ाएगा।