कॉमर्स, आर्ट और साइंस की फैकल्टी राजकीय कॉलेज में कॉमर्स, आर्ट और साइंस की फैकल्टी है और तीनों में करीब 1250 विद्यार्थी अध्ययनरत है। अस्थायी कमरों में चल रहे कॉलेज के पास प्रेक्टिकल के लिए लैब तक नहीं है।
प्रदेश का पहला कॉलेज जहां 250 मूक बधिर विद्यार्थी सबसे बड़ी बात यह है कि यह प्रदेश का एकमात्र ऐसा सरकारी कॉलेज है, जहां 250 के करीब मूक बधिर विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। इसके बाद भी उनकी बात को समझने वाला यहां कोई नहीं है। हालात यह है कि उनको पढ़ाने के लिए अस्थायी रूप से विशेषज्ञ की सहायता ली जाती है। शिक्षक की बात को विशेषज्ञ उन तक पहुंचाता है।
15 जनवरी के बाद से प्रिंसिपल नहीं छात्रसंघ अध्यक्ष हरिओम सिंघल ने बताया 15 जनवरी को कॉलेज में प्रिंसिपल के रूप में कार्यरत विमला शर्मा ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी, तब से अब तक वहां प्रिंसिपल नहीं है। अस्थायी रूप से डॉ.पुष्पा पारीक प्रिंसिपल का काम देख रही है। कॉलेज के भवन निर्माण के लिए राज्यपाल, उच्च शिक्षा मंत्री और कॉलेज शिक्षा आयुक्त से मिल चुके हैं, पर सुनवाई नहीं हुई। सरकार कॉलेज खोलने की घोषणा तो कर देती है पर फिर ध्यान नहीं दिया जाता।
छात्रसंघ महासचिव मुकेश सैनी ने बताया कॉलेज की जमीन को लेकर कई बार संघर्ष किया। पुलिस की लाठी भी खाई और छह माह के लिए पाबंद भी किया गया। जो जमीन अलॉट हुई वहां टेनिस कोर्ट बन रहे हैं। इस बारे में सरकार को कदम उठाने चाहिए।