scriptसुलह में सरकार फेल, रेल का सपना हुआ दूर | government fail in Reconciliation, dream of train is far | Patrika News

सुलह में सरकार फेल, रेल का सपना हुआ दूर

locationभोपालPublished: Feb 11, 2016 06:11:00 pm

Submitted by:

Ashish vajpayee

डूंगरपुर- रतलाम वाया बांसवाड़ा रेल परियोजना ग्रामीणों के विरोध से काम ठप

आखिरकार जिस का डर था वही हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रेल परियोजनाओं को तय समय पर पूरा करने की नसीहतों के बीच हमारी रेल के सपने में एक बार फिर मायूसी की कील ठुक गई है। पहले ही विलंब से चल रही परियोजना के काम में शेष मुआवजे के भुगतान को लेकर आए गतिरोध को सरकार एक माह में भी खत्म नहीं कर पाई और भारी आर्थिक नुकसान के चलते ठेकेदार ने आखिरकार हाथ खड़े कर दिए। उसने ज्यादातर श्रमिकों को रवाना करने के बाद अब अपनी मशीनें समेटना भी शुरू कर दिया है।परियोजना के तहत जिले के झूपेल, गणाऊ व बदरेल क्षेत्र में रेलवे टै्रक का काम शुरू किया गया था। कहीं अर्थवर्क तो कहीं पुलियाओं का निर्माण चल रहा था, लेकिन गत 11 जनवरी से इस काम में ग्रामीणों ने अपने शेष मुआवजा राशि के भुगतान को लेकर खलल डाल दिया और तमाम कोशिशों के बाद भी सुलह नहीं होने से काम ठप हो गया। छायी है वीरानीगणाऊ स्थित बेस कैंप वीरान हो गया है एवं कार्यालय पर ताले लग गए हैं। सभी वाहन एक स्थान पर खड़े किए हुए हैं। इनमें से कुछ वाहनों को मणिपुर भेजा जा रहा है जहां कम्पनी का कार्य चल रहा है।
अब तक का सफर एक नजर में
परियोजना का नाम: डूंगरपुर-रतलाम वाया बांसवाड़ा
लागत: 3500 करोड़ रुपए
बांसवाड़ा जिले में काम शुरू हुआ: मार्च 2013
पूर्ण होना था: वर्ष 2016-17
बजट मिला: 110 करोड़
अब तक खर्च हुए: 30 करोड़
काम हुआ: सिर्फ 20 किमी सरकारी जमीन पर
अवाप्त होनी थी जमीन: 600 हैक्टेयर
अब तक अवाप्त हुई जमीन: 120 हैक्टेयर
प्रभावितों को मुआवजा बंटना था: 80 करोड़
मुआवजा बंटा: 50 करोड़
मुआवजा बंटना शेष 30 करोड़
परियोजना में विलंब की अवधि: 5 से 6 वर्ष
अब क्या होगा: वर्ष 2022-23 तक कार्य पूर्ण होने की संभावना
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