तीन जुलाई को कहा था शोक हैं मामले पर राजस्थान हाईकोर्ट में तीन जुलाई को सुनवाई होनी थी लेकिन राज्य सरकार की ओर से एएजी राजेश पंवार ने सुनवाई स्थगित करने के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया था। जिसमें कहा था कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नरसिम्हन के घर मे शोक होने की वजह से वे नही आ सके हैं जिस पर कोर्ट ने सुनवाई आज तक स्थगित की थी। जबकि बाद में साफ हुआ था कि एएसजी सुप्रीम कोर्ट में पेश होकर पैरवी कर रहे थे ऐसे में सरकार की ओर से तारीख लेने के लिए बताए गए कारणों पर सवाल उठ रहे हैं
मंत्री बैठक में तलाश रहे रास्ता स्वायत्त शासन मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने सोमवार को सचिवालय में बैठक ली थी। जिसमें यूडीएच सचिव सहित नगरीय विकास विभाग के आलाधिकारी और विधि विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे ताकि कोर्ट में इस संबंध में जवाब दिया जा सके और सरकार का पक्ष मजबूती से रखा जा सके। इससे पहले भी मंत्री अधिकारियों की बैठक ले चुके हैं लेकिन विधि विभाग सहित दूसरे अधिकारी कोई रास्ता नहीं निकाल सके हैं।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था। जिसमें मास्टर प्लान में किए जा रहे संशोधन और इकोलॉजिकल जोन में हो रहे आवासीय और व्यवसायिक निर्माण से पर्यावरण को हो रहे नुकसान का मुद्दा उठाया था। इसमें जयपुर सहित छह शहरों की जानकारी दी गई थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस संबंध में दायर सभी याचिकाओं को मिलाकर सुनवाई की थी और करीब एक दशक तक सुनवाई करने के बाद मास्टर प्लान में बदलाव रोकने और इकोलॉजिकल जोन में बदलाव रोकने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे।
राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था। जिसमें मास्टर प्लान में किए जा रहे संशोधन और इकोलॉजिकल जोन में हो रहे आवासीय और व्यवसायिक निर्माण से पर्यावरण को हो रहे नुकसान का मुद्दा उठाया था। इसमें जयपुर सहित छह शहरों की जानकारी दी गई थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस संबंध में दायर सभी याचिकाओं को मिलाकर सुनवाई की थी और करीब एक दशक तक सुनवाई करने के बाद मास्टर प्लान में बदलाव रोकने और इकोलॉजिकल जोन में बदलाव रोकने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे।
सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत हाईकोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट भी पहुंची थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और राजस्थान हाईकोर्ट को वृहद बेंच बनाकर सरकार का पक्ष सुनने का कहा है जिस पर अब मुख्य न्यायाधीश सुनवाई कर रहे हैं।