scriptपेट्रोल, डीजल के दाम पर प्रीमियम को लेकर विचार कर रही सरकार | Government is considering the tax on the price of petrol and diesel | Patrika News

पेट्रोल, डीजल के दाम पर प्रीमियम को लेकर विचार कर रही सरकार

locationजयपुरPublished: Dec 23, 2019 08:02:52 pm

नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल ( Petrol-diesel ) वाहन मालिकों ( vehicle owners ) को झटका ( setback ) लग सकता है। दरअसल, सरकार ( goverment ) एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है जिसके तहत तेल वितरण कंपनियों को पेट्रोल-डीजल पर प्रीमियम टैक्स लगाने की अनुमति दी जानी है। यह प्रीमियम टैक्स तेल वितरण कंपनियों की ओर से रिफाइनरियों को बीएस-6 फ्यूल अपग्रेडेशन में किए गए निवेश की पूर्ति करने के लिए लगाया जा सकता है।

पेट्रोल, डीजल के दाम पर प्रीमियम को लेकर विचार कर रही सरकार

पेट्रोल, डीजल के दाम पर प्रीमियम को लेकर विचार कर रही सरकार

सरकारी और प्राइवेट तेल वितरण ने पेट्रोलियम मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव में कंपनियों ने मंत्रालय से बीएस-6 अपग्रेडेशन में किए गए निवेश की पूर्ति के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ाए जाने की अपील की है। इसके लिए तेल कंपनियों ने अतिरिक्त प्रीमियम टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया है। यदि सरकार इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेती है तो पेट्रोल पर 80 पैसे प्रति लीटर और डीजल पर 1.50 रुपए प्रति लीटर का प्रीमियम टैक्स लगाया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार ग्राहकों से यह नया टैक्स पांच साल तक वसूला जाएगा।
वैश्विक तेल बाजार मांग में कमी रहने के कारण पिछले कुछ समय से सपाट स्तर पर कारोबार कर रहा है। इस कारण घरेलू तेल वितरण कंपनियां ने बीते कुछ सप्ताह में कई बार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी की है। यदि पेट्रोल-डीजल पर प्रीमियम टैक्स लगाने की अनुमति दे दी जाती है तो इसका असर वैश्विक स्तर पर नहीं पड़ेगा, लेकिन घरेलू स्तर पर इन दोनों ईंधन की कीमतें अपने अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच जाएंगी।
कंपनी सूत्रों ने बताया कि रिफाइनरीज को अपग्रेडेशन में हुए निवेश की पूर्ति के लिए पेट्रोल-डीजल की रिटेल कीमत में बढ़ोतरी करना एक विकल्प है। उन्होंने बताया कि हमने पेट्रोलियम मंत्रालय को निवेश की रिकवरी के लिए एक विस्तृत प्लान बनाकर भेजा गया है और अब हम मंत्रालय के निर्देशों का पालन कर रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार 2017 से अब तक बीएस-6 अपग्रेडेशन पर सरकारी तेल कंपनियां इंडियन ऑयल, हिन्दुस्तान पेट्रोल और भारत पेट्रोलियम करीब 80 हजार करोड़ रुपए का निवेश कर चुकी हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि आने वाले समय में तेल की मांग में स्थिरता रहती है और वाहनों का बड़ा भाग इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर शिफ्ट हो जाता है तो ऐसे में एक विशेष प्लान के बिना सरकारी तेल कंपनियों की ओर से अपग्रेडेशन पर किए गए निवेश की रिकवरी नहीं हो पाएगी। सरकार पहले ही संकेत दे चुकी है कि वह 2030 में देश ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देना चाहती है। तेल कंपनियां अन्य विकल्पों पर विचार कर रही हैं लेकिन पारंपरिक फ्यूल की खपत में कमी के कारण कंपनियों के सामने निवेश की तुरंत रिकवरी का चैलेंज पैदा हो गया है।
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