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सरकार आर्थिक आपातकाल की ओर बढ़ रही – राठौड़

locationजयपुरPublished: Feb 25, 2020 01:06:56 am

Submitted by:

Sunil Sisodia

राठौड़ ने कहा कि बजट में सरकार का विजन दिखाई नहीं दे रहा है। सरकार ने जो आंकड़े पेश किए हैं वे बता रहे हैं कि सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) घटी है

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जयपुर।

राज्य सरकार के बजट पर सोमवार से सदन में चर्चा शुरू हुई। चर्चा की शुरुआत उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने की। राठौड़ ने कहा कि बजट में सरकार का विजन दिखाई नहीं दे रहा है। सरकार ने जो आंकड़े पेश किए हैं वे बता रहे हैं कि सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) घटी है। इतना ही नहीं, सरकार आर्थिक आपातकाल की ओर बढ़ रही है। इस दौरान उन्होंने जीएसडीपी के आंकड़े, राजकोषीय-राजस्व घाटे, योजनागत व्यय, एफआरबीएम के आंकड़़ों पर सरकार की स्थिति बताई। उन्होंने कहा कि सरकार की राजस्व प्राप्तियां 7279 करोड़ रुपए कम हो गई है। इस घाटे को सरकार कैसे पूरा करेगी, यह नहीं बताया गया। सरकार कभी फ्यूल चार्ज के नाम पर तो कभी दूसरे कर लगाएगी।

अवैध बजरी खनन पर भी घेरा
इस दौरान राठौड़ ने अवैध बजरी खनन पर भी सरकार को घेरा तो चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने तंज कसते हुए कहा कि आप बजरी को लेकर ज्यादा ही चिंतित हो रहे हैं। इससे पहले राठौड़ ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार में हमारी सरकार पर आरोप लगाए कि हमने बजरी माफिया पनपाए। अब वर्तमान सरकार ने भी समस्या का समाधान नहीं किया। सरकार ने बजट घोषणा कर कहा कि एम सेंड की नीति लेकर आएंगे। एक साल निकल गया, वैधानिक रुप से बजरी शुरू नहीं कर सके। सुप्रीम कोर्ट ने 19 फरवरी सरकार को आदेश दिया है कि चार सप्ताह के भीतर सभी एसपी-कलक्टर को निर्देश देकर बजरी अवैध खनन को बंद करें। साथ ही प्रकरण पर सीवीसी गठित कर दी गई है। इसके बाद भी बजरी माफियाओं का हमला लगातार जारी है। बजरी औद्योगिक क्षेत्र में जीएसडीपी बढ़ाने का बड़ा घटक है।

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