सराफ ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा इस विशेष वर्ग को मदद पहुंचाने निर्णय में प्रतिबद्धता की कमी ज्यादा और औपचारिकता अधिक नजर आती है। तभी तो सरकारी आदेश के अनुसार विशेष वर्ग का सर्वे करके रजिट्रेशन का जो कार्य 24 मई तक पूरा करना था वो अभी तक आरम्भ भी नहीं हुआ है। सरकार ने रजिस्ट्रेशन के लिए जो मोबाइल एप लॉन्च किया है, उसका इस्तेमाल करना इस वर्ग के अधिकांश लोंगों को आता ही नहीं है और प्रशासन ने जिन्हें सर्वे करके लिस्ट बनाने तथा प्रचार, प्रसार के काम में लगाया था वो बीएलओ अभी तक फील्ड में पहुंचे ही नहीं है।
सराफ ने मांग की है कि कोरोना काल में रोजी रोटी खो चुके, आर्थिक संकट से जूझते जरूरतमंद लोंगों को मदद पहुंचाने के नाम पर राज्य सरकार उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ ना करे। वैश्विक आपदा की परिस्थितियों में सबसे अधिक प्रभावित लोगों को विशेष वर्ग में शामिल करके डोर टू डोर सर्वे कराकर रजिस्ट्रेशन किए जाएं और उन्हें राशन व राहत सामग्री वितरित की जाए।