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बच्चों की जिंदगी खतरे में डाल रही सरकार: संयुक्त अभिभावक संघ

locationजयपुरPublished: Aug 12, 2021 10:11:09 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

निजी स्कूलों के दबाब में स्कूल खोलने का फैसला: संयुक्त अभिभावक संघ



जयपुर , 12 अगस्त
राज्य सरकार की ओर से स्कूल खोले जाने को लेकर जारी किए गए निर्देशों को लेकर संयुक्त अभिभावक संघ का कहना है कि अभिभावक भी चाहते हैं स्कूल खुले लेकिन वह अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकते। संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि निजी स्कूलों के दबाब में आकर स्कूल खोलने का फैसला लेना परिवारों को खतरे में डालने जैसा है। देशभर के 13 राज्यों में अब तक स्कूल खोले जा चुके हैं जिसमें पांडुचेरी ने एक ही दिन में स्कूल बंद करने का निर्णय लिया। वहीं पिछले सात दिनों में पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़ ,कर्नाटक, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों में 1200 से अधिक छात्र छात्राएं कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। कर्नाटक में 300 से अधिक विद्यार्थी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। जिसमें 0 से 9 वर्ष तक के 150 और 10 से 19 वर्ष तक के 200 विद्यार्थी शामिल हैं। ऐसे ही महाराष्ट्र के सोलापुर में 650, हरियाणा के फतेहाबाद में 10, छत्तीसगढ़ के जांजगीर में 50, पंजाब के लुधियाना में 20 से अधिक मामले सामने आए हैं। अगर बच्चों के मामलों में गम्भीरता नहीं बरती गई तो हालात बद से बदतर हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री सतर्कता का पाठ पढ़ाने के बजाए स्वयं पाठ पढ़े
वहीं संघ के प्रदेशाध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री को खुद सतर्कता का पाठ पढऩा चाहिए और अपने मंत्री मंडल को भी सतर्कता का पाठ पढ़ाना चाहिए। राज्य सरकार उन निर्दोष बच्चों की जिंदगी पर दांव लगा रही है जिनकी वैक्सीनेशन का कोई अता पता नहीं है, जबकि जिनका वैक्सीनेशन हो चुका है उन पर भी रोक बरकरार है। बेहतर होगा राज्य सरकार स्कूलों को खोलने के निर्णय से पहले 18 वर्ष से ऊपर के छात्र.छात्राओं के लिए कॉलेज खोलने का निर्णय ले।
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