जयपुर. राज्य सरकार की राजधानी में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार का सपना मौजूदा कार्यकाल में अधूरा ही रहेगा। वजह, कुछ ही दिन में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाएगी। इधर, सवाईमानसिंह अस्पताल में आईपीडी टावर, गणगौरी अस्पताल में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में चल रहे निर्माण कार्य अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। सभी प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य की िस्थति ऐसी है कि सरकार श्रेय लेने के लिए कुछ जगह फीते भले ही काट ले, लेकिन जनता को चिकित्सा सेवाओं के विस्तार की सौगात 5 फीसदी भी नहीं मिल पाएगी। यानी अब अगली सरकार के कार्यकाल में ही निर्माण कार्य पूरे होंगे और तभी लोगों को फायदा मिल सकेगा। आधे-अधूरे इंतजाम के बीच उद्घाटन की तैयारी जानकारी केे मुताबिक जयपुरिया अस्पताल व कार्डियक संस्थान में आधे-अधूरे इंतजाम के बीच ही उद्घाटन की तैयारी चल रही है। चिकित्सा सुविधा विस्तार के कई प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिनके लिए डेढ़ से दो वर्ष इंतजार करना पड़ेगा तो कुछ इस वर्ष के अंत में पूरे होंगे। वैसे इन्हें अगस्त-सितम्बर माह तक ही पूरा करने का लक्ष्य तय था। ऐसे में सरकार इन प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर श्रेय लेने की तैयारी में है। ये हालात आए सामने जनाना अस्पताल : यहां भी 13 मंजिला आईपीडी टावर बनाया जा रहा है। निर्माण कार्य हाल ही शुरू हुआ है। संभवत: डेढ़ से दो वर्ष में कार्य पूरा हो पाएगा। जयपुरिया अस्पताल : दो मंजिला न्यू ट्रोमा सेंटर अगस्त माह तक बनाने का लक्ष्य था। वर्तमान में दो मंजिला का ढांचा तैयार हुआ है। इस वर्ष के अंत तक ही शुरू हो पाएगा। अभी नीचे का फ्लोर तैयार कर फीता काटने की तैयारी चल रही है। उद्घाटन होता भी है तो मरीजों को ट्रोमा की सुविधाओं की जगह केवल रजिस्ट्रेशन की ही सुविधा मिलेगी। इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो साइंस : एसएमएस अस्पताल में इमरजेंसी के पीछे नौ मंजिला टावर बनाया जा रहा है। इसमें न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी व ऑप्थोलॉजी विभाग शिफ्ट किए जाएंगे। इसका निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, लेकिन यह भी अगले वर्ष तक ही शुरू हो पाएगा। कार्डियक संस्थान : एसएमएस अस्पताल में कार्डियक संस्थान का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है। यह भी अगले वर्ष तक ही बनकर तैयार हो पाएगा। इसके भूतल को जल्द तैयार कर फीता कटवाने की तैयारी चल रही है।आईपीडी टॉवर : एसएमएस अस्पताल में 24 मंजिला आईपीडी टावर को तैयार होने में दो से ज्यादा वर्ष लग सकते हैं। ऐसे में सरकार श्रेय लेने के लिए पहली दो मंजिलों का उद्घाटन करने की तैयारी में है, लेकिन मरीजों को यहां सुविधाएं न के बराबर ही मिल पाएंगी। इसका मूल स्वरूप नई सरकार में ही सामने आ पाएगा।गणगौरी अस्पताल : 50 करोड़ रुपए की लागत से सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक निर्माणाधीन है। इसका काम सितम्बर माह तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए निर्माण कार्य इस वर्ष के अंत तक भी पूरा होता नहीं दिख रहा। अभी तक केवल भवन का ढांचा ही तैयार हुआ है।महिला चिकित्सालय : सांगानेरी गेट स्थित महिला चिकित्सालय में 117 करोड़ रुपए की लागत से 500 बेड का 11 मंजिला आईपीडी टावर का निर्माण कार्य चल रहा है। यहां रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए भी आठ मंजिला भवन बनाया जाना प्रस्तावित है। इन दोनों सौगातों का काम अभी शुरुआती चरण में है। संभवत: यह दो वर्ष में बनकर तैयार होगा।
जयपुर. राज्य सरकार की राजधानी में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार का सपना मौजूदा कार्यकाल में अधूरा ही रहेगा। वजह, कुछ ही दिन में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाएगी। इधर, सवाईमानसिंह अस्पताल में आईपीडी टावर, गणगौरी अस्पताल में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में चल रहे निर्माण कार्य अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। सभी प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य की िस्थति ऐसी है कि सरकार श्रेय लेने के लिए कुछ जगह फीते भले ही काट ले, लेकिन जनता को चिकित्सा सेवाओं के विस्तार की सौगात 5 फीसदी भी नहीं मिल पाएगी। यानी अब अगली सरकार के कार्यकाल में ही निर्माण कार्य पूरे होंगे और तभी लोगों को फायदा मिल सकेगा। आधे-अधूरे इंतजाम के बीच उद्घाटन की तैयारी जानकारी केे मुताबिक जयपुरिया अस्पताल व कार्डियक संस्थान में आधे-अधूरे इंतजाम के बीच ही उद्घाटन की तैयारी चल रही है। चिकित्सा सुविधा विस्तार के कई प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिनके लिए डेढ़ से दो वर्ष इंतजार करना पड़ेगा तो कुछ इस वर्ष के अंत में पूरे होंगे। वैसे इन्हें अगस्त-सितम्बर माह तक ही पूरा करने का लक्ष्य तय था। ऐसे में सरकार इन प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर श्रेय लेने की तैयारी में है। ये हालात आए सामने जनाना अस्पताल : यहां भी 13 मंजिला आईपीडी टावर बनाया जा रहा है। निर्माण कार्य हाल ही शुरू हुआ है। संभवत: डेढ़ से दो वर्ष में कार्य पूरा हो पाएगा। जयपुरिया अस्पताल : दो मंजिला न्यू ट्रोमा सेंटर अगस्त माह तक बनाने का लक्ष्य था। वर्तमान में दो मंजिला का ढांचा तैयार हुआ है। इस वर्ष के अंत तक ही शुरू हो पाएगा। अभी नीचे का फ्लोर तैयार कर फीता काटने की तैयारी चल रही है। उद्घाटन होता भी है तो मरीजों को ट्रोमा की सुविधाओं की जगह केवल रजिस्ट्रेशन की ही सुविधा मिलेगी। इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो साइंस : एसएमएस अस्पताल में इमरजेंसी के पीछे नौ मंजिला टावर बनाया जा रहा है। इसमें न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी व ऑप्थोलॉजी विभाग शिफ्ट किए जाएंगे। इसका निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, लेकिन यह भी अगले वर्ष तक ही शुरू हो पाएगा। कार्डियक संस्थान : एसएमएस अस्पताल में कार्डियक संस्थान का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है। यह भी अगले वर्ष तक ही बनकर तैयार हो पाएगा। इसके भूतल को जल्द तैयार कर फीता कटवाने की तैयारी चल रही है।आईपीडी टॉवर : एसएमएस अस्पताल में 24 मंजिला आईपीडी टावर को तैयार होने में दो से ज्यादा वर्ष लग सकते हैं। ऐसे में सरकार श्रेय लेने के लिए पहली दो मंजिलों का उद्घाटन करने की तैयारी में है, लेकिन मरीजों को यहां सुविधाएं न के बराबर ही मिल पाएंगी। इसका मूल स्वरूप नई सरकार में ही सामने आ पाएगा।गणगौरी अस्पताल : 50 करोड़ रुपए की लागत से सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक निर्माणाधीन है। इसका काम सितम्बर माह तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए निर्माण कार्य इस वर्ष के अंत तक भी पूरा होता नहीं दिख रहा। अभी तक केवल भवन का ढांचा ही तैयार हुआ है।महिला चिकित्सालय : सांगानेरी गेट स्थित महिला चिकित्सालय में 117 करोड़ रुपए की लागत से 500 बेड का 11 मंजिला आईपीडी टावर का निर्माण कार्य चल रहा है। यहां रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए भी आठ मंजिला भवन बनाया जाना प्रस्तावित है। इन दोनों सौगातों का काम अभी शुरुआती चरण में है। संभवत: यह दो वर्ष में बनकर तैयार होगा।