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गरीब बेटियों के कन्यादान पर सरकार का ग्रहण

locationजयपुरPublished: Jul 09, 2021 10:45:09 pm

Submitted by:

vinod

कोरोना (corona) की वजह से गरीब बेटियों (poor daughters) के कन्यादान (Kanyadan) पर सरकार का ग्रहण (government eclipse) लग गया है। कोरोना की पहली व दूसरी लहर की वजह से प्रदेश में एक साल से सामूहिक विवाह (group marriage) समारोह के आयोजन नहीं हो रहे हैं।

गरीब बेटियों के कन्यादान पर सरकार का ग्रहण

गरीब बेटियों के कन्यादान पर सरकार का ग्रहण

सीकर। कोरोना (corona) की वजह से गरीब बेटियों (poor daughters) के कन्यादान (Kanyadan) पर सरकार का ग्रहण (government eclipse) लग गया है। कोरोना की पहली व दूसरी लहर की वजह से प्रदेश में एक साल से सामूहिक विवाह (group marriage) समारोह के आयोजन नहीं हो रहे हैं। इसके साथ ही गरीब परिवारों की खुशियों भी लॉक हो गई है। दरअसल, सामूहिक विवाहों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार की ओर से अनुदान दिया जाता है। ऐसे में जरूरतमंद परिवारों की ओर से नियमों में बदलाव की मांग उठने लगी है। प्रदेश में पांच हजार से अधिक परिवारों को इस योजना का इंतजार है।
सम्मेलन में शादी पर 18 हजार का अनुदान
सामूहिक विवाह सम्मेलन में शादी करने पर महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से प्रति जोड़ा 18 हजार रुपए का अनुदान दिया जाता है। इसमें 15 हजार रुपए की एफडी बधू के नाम से कराए जाने का प्रावधान है। जबकि तीन हजार रुपए विवाह सम्मेलन का आयोजन करने वाली संस्था को दिए जाते है।
सीकर में तीन साल में 65 को मिली मदद
महिला एवं बाल विकास विभाग की इस योजना के जरिए पिछले तीन साल में 65 बेटियों को मदद मिली है। यदि प्रदेश की बात करें तो पिछले तीन साल में 2500 से अधिक बेटियों को मदद मिली है। इस योजना के लागू होने से अब तक तीन बार नियमों में भी संशोधन हो चुका है।
बेटियां बोली, सामुहिक विवाह नहीं तो अनुदान तो दो
बेटियों का कहना है कि कोरोना गाइडलाइन की वजह से सामूहिक विवाह सम्मेलन तो नहीं हो सकते हैं, लेकिन सरकार चाहे तो नियमों में बदलाव कर सकती है। इसके लिए पिछले दिनों मुख्यमंत्री कार्यालय स्तर पर प्रस्ताव भी तैयार हुआ था। लेकिन इसकी नई गाइडलाइन अभी तक जारी नहीं हो सकी।
बड़े आयोजनों पर रोक
शादी-समारोह के बड़े आयोजन पर रोक होने की वजह से प्रदेश में सामूहिक विवाह नहीं हो पा रहे हैं। सामूहिक विवाह सम्मेलन में शादी करने पर 18 हजार रुपए का अनुदान दिया जाता है।
अनुराधा सक्सेना, सहायक निदेशक, महिला अधिकारिता विभाग, सीकर

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