scriptसरकारी स्कूलों की कड़वी हकीकत : सुनो सरकार, दूध नहीं हमें चाहिए पीने को पानी… | government school without water for 6 months | Patrika News

सरकारी स्कूलों की कड़वी हकीकत : सुनो सरकार, दूध नहीं हमें चाहिए पीने को पानी…

locationजयपुरPublished: Jul 06, 2018 01:54:03 pm

Submitted by:

SAVITA VYAS

एक तरफ तो राज्य सरकार सरकारी विद्यालयों में बच्चों को दूध पिलाने की अन्नपूर्णा दूध योजना लागू कर वाह-वाही लूट रही हैैै। दूसरी तरफ ग्रामीण अंचल के राजकीय विद्यालयों में पीने के पानी तक के टोटे हैं।

school

सरकारी स्कूलों की कड़वी हकीकत : सुनो सरकार, दूध नहीं हमें चाहिए पीने को पानी…

जयपुर। एक तरफ तो राज्य सरकार सरकारी विद्यालयों में बच्चों को दूध पिलाने की अन्नपूर्णा दूध योजना लागू कर वाह-वाही लूट रही हैैै। दूसरी तरफ ग्रामीण अंचल की राजकीय विद्यालयों में पीने के पानी तक के टोटे हैं। मासूम बच्चों को घर से बोतल लाकर या फिर आस—पास भटक कर अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है। यह हालात है ग्रामीण इलाकों में स्थित सरकारी स्कूलों की, जहां नामांकन बढ़ाने पर तो करोड़ों का बजट फूंक दिया जाता है, लेकिन जब सरकारी स्कूलों में सुविधाओं की बारी आती हैं, तो जिम्मेदार ही बजट नहीं होने का हवाला देकर जिम्मेदारियों से मुंह मोड लेते हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की इसी अनदेखी का खामियाजा भुगत रहे हैं पावटा कस्बे के भूरी भड़ाज ग्राम पंचायत की ढाणी मोहन दास वाली की राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थी, जो विद्यालय से बाहर 200-300 मीटर दूर जाकर भीषण गर्मी में अपनी प्यास बुझा रहे हैं।
विद्यार्थियों का कहना है कि हैंडपंप गत छह महीनों से अधिक समय से खराब पड़ा है। विद्यालय में पानी का और कोई स्रोत नहीं है, जिसके कारण खेतों में बनी टंकियों में जाकर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं। ग्रामीण ओमप्रकाश वर्मा व विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रहलाद यादव का कहना है कि सरकार एक ओर तो विद्यार्थियों के लिए दूध योजना की शुरुआत कर रही है। वहीं दूसरी ओर सरकारी विद्यालयों में पानी तक नसीब नहीं हो रहा है। विद्यालय में पेयजल सुविधा नहीं होने से बच्चे ही नहीं शिक्षक भी परेशान हैं। सबसे ज्यादा स्थिति तो लंच के दौरान खराब होती है। इस हैंडपंप को सुधरवाने के लिए कई बार ग्राम पंचायत प्रशासन से भी आग्रह किया जा चुका है। इस बारे में सरपंच गोपाल स्वामी का कहना है कि इस विद्यालय के लिए सिंगल फेज बोरिंग स्वीकृत है जो भूजल विभाग की रिपोर्ट आते ही लगा दी जाएगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो