scriptसरकारी स्कूल आसानी से नहीं बन पाएंगे ‘फाइव स्टार’ | Government schools will not be able to easily become 'five stars' | Patrika News

सरकारी स्कूल आसानी से नहीं बन पाएंगे ‘फाइव स्टार’

locationजयपुरPublished: Oct 04, 2019 01:34:55 am

Submitted by:

vinod

शैक्षिक उपलब्धियों के आकलन और अन्य सरकारी विद्यालयों (Government schools) से प्रतिस्पद्र्धा (competition) की भावना विकसित करने के लिए शुरू की गई राजकीय विद्यालयों को स्टार रेटिंग (star rating) देने की योजना में मापदंड बदल (Change criteria) दिए गए हैं। इससे उनको आसानी से फाइव स्टार रेटिंग नहीं मिल पाएगी।

सरकारी स्कूल आसानी से नहीं बन पाएंगे 'फाइव स्टार'

सरकारी स्कूल आसानी से नहीं बन पाएंगे ‘फाइव स्टार’

-सरकार ने विद्यालयों को स्टार रेटिंग देने के मापदंड बदले
-10वीं में 40 और 12वीं में 60 प्रथम आने पर ही स्कूल को मिलेगा तमगा

बांसवाड़ा। शैक्षिक उपलब्धियों के आकलन और अन्य सरकारी विद्यालयों (Government schools) से प्रतिस्पद्र्धा (competition) की भावना विकसित करने के लिए शुरू की गई राजकीय विद्यालयों को स्टार रेटिंग (star rating) देने की योजना में मापदंड बदल (Change criteria) दिए गए हैं। अब 90 प्रतिशत परिणाम के साथ ही दसवीं में 40 प्रतिशत, बारहवीं में 60 प्रतिशत विद्यार्थियों के प्रथम आने पर स्कूलों को ‘फाइव स्टार’ (Five star) की रेटिंग दी जाएगी। हालांकि आठवीं की रेटिंग के प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
राजकीय विद्यालयों की बोर्ड कक्षाओं आठवीं, दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों, परिणाम तथा परिणाम में गुणवत्ता को आधार बनाते हुए स्टार रेटिंग निर्धारित कर शाला दर्पण पोर्टल पर भी प्रदर्शित किया जाता है। इसे विद्यालयों को ऑनलाइन भी उपलब्ध कराया गया था, ताकि विद्यालय के शैक्षिक स्तर को जाना जा सके और आवश्यकता होने पर उसमें समय रहते सुधार किया जा सके।
10वीं के लिए यह बदलाव

5 स्टार: परीक्षा परिणाम 90 प्रतिशत और प्रथम श्रेणी में 40 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी उत्तीर्ण।
4 स्टार: परीक्षा परिणाम 90 प्रतिशत और प्रथम श्रेणी में 40 प्रतिशत या इससे कम विद्यार्थी उत्तीर्ण।
3 स्टार: परीक्षा परिणाम 60 से 90 प्रतिशत और प्रथम श्रेणी में 40 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी उत्तीर्ण।
2 स्टार: परीक्षा परिणाम 60 से 90 प्रतिशत और प्रथम श्रेणी में 40 प्रतिशत या इससे कम विद्यार्थी उत्तीर्ण।
1 स्टार: परीक्षा परिणाम 60 प्रतिशत से कम हो।
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12वीं के लिए यह बदलाव
5 स्टार: परीक्षा परिणाम 90 प्रतिशत और प्रथम श्रेणी में 60 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी उत्तीर्ण।
4 स्टार: परीक्षा परिणाम 90 प्रतिशत और प्रथम श्रेणी में 60 प्रतिशत या इससे कम विद्यार्थी उत्तीर्ण।
3 स्टार: परीक्षा परिणाम 60 से 90 प्रतिशत और प्रथम श्रेणी में 60 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी उत्तीर्ण।
2 स्टार: परीक्षा परिणाम 60 से 90 प्रतिशत और प्रथम श्रेणी में 60 प्रतिशत या इससे कम विद्यार्थी उत्तीर्ण।
1 स्टार: परीक्षा परिणाम 60 प्रतिशत से कम हो।
गुणात्मक परिणाम को महत्व
स्टार रेटिंग के मापदंड बदलने को लेकर मंशा यही है कि गुणात्मक परीक्षा परिणाम को महत्व मिले। इसे लेकर माध्यमिक शिक्षा के निदेशक ने विद्यालयों को परीक्षा परिणाम के अनुसार नए मापदंड अनुसार इसे शाला दर्पण पर ऑनलाइन तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
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