लॉकडाउन से उपजी उद्यमों की समस्याओं के प्रति सरकार गंभीर
उद्यमों और श्रमिकों की समस्याओं को लेकर गंभीरता को इसी से समझा जा सकता है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने दोनों के लिए ही उपयोगी राजकौशल एप लॉन्च किया है। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार के आत्मनिर्भर पैकेज के संदर्भ में टास्क फोर्स द्वारा अध्ययन किया जा रहा है और प्रक्रियाओं के सरलीकरण सहित विभिन्न बिन्दुओं पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा सबका प्रयास है कि प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियां ना केवल तेजी से सामान्य हो अपितु नया निवेश भी आए। प्रमुख शासन सचिव पर्यटन श्रेया गुहा ने बताया कि राज्य के पर्यटन उद्योग उद्योग से जुड़ी समस्याओं का अध्ययन किया जा रहा है और पर्यटन और होटल उद्योग को मुख्यधारा में लाने की कार्य योजना तैयार की जा रही है। श्रम सचिव नीरज के पवन ने कहा कि श्रमिक संगठन यह चाहते हैं कि लॉकडाउन के कारण श्रमिकों की छंटनी ना की जाए। उन्होंने कहा कि श्रमिक संगठनों ने वापस पटरी पर लाने में पूरा सहयोग देने का विश्वास दिलाया है।
रीको के प्रबंध संचालक आशुतोष टी पेडनेकर रीको से संबंधित सुझावों व विचार करने का विश्वास दिलाया। उद्योग आयुक्त मुक्तानन्द अग्रवाल ने बताया कि विभाग स्तर पर सभी संबंधित विभागों से समन्वय बनाते हुए समस्याओं व सुझावों के निराकरण के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि एमएसएमई इकाइयों के बकाया भुगतान को लेकर फेसिलिएटेशन काउंसिल को सक्रिय व सशक्त बनाया जा रहा है।
वेबीनार में बिजली की फिक्स रेट को माफ करने, डीएलसी रेट के स्थान पर भूमि की रेशनलाइज दरें तय करने, बिना कोरेटरल सिक्योरिटी के ऋण उपलब्ध कराने, पैकेज के तहत ऋण पर प्रोसेसिंग चार्ज नहीं लेने, छोटे उद्यमों को शून्य ब्याज पर वित पोषण, होटल कारोबार को इण्डस्ट्री का दर्जा दिलाने, एमएसएमई फेसिलेटिएशन काउंसिल को और अधिक सक्रिय करते हुए जिला उद्योग केन्द्रों पर इन उद्यमों के बकाया का डेटा तैयार करवाने व भुगतान दिलाने में सहयोग करने, रीको प्लाटों में सेटबैक में निर्माण की छूट, श्रमिकों से 12 घंटें काम की अनुमति, सरकारी प्रोजेक्टों में डिले पर पैनेल्टी का एक साल के लिए बढ़ाने, रियल स्टेट सेक्टर को रियायत देने, आरसीडीएफ की तरह अन्य पशुपालकों को भी दूध पर बोनस देने, स्टांप डॅयूटी आदि के संबंध में सुझाव दिए।