कटारिया ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई प्रेस वार्ता में कहा कि अगर सरकार के लिए राजस्व इतना ही जरूरी है तो मेरा सुझाव है कि सरकार का इस तरह का सिस्टम डवलप करना चाहिए कि शराब की होम डिलीवरी हो। इससे दुकानों के बाहर लोगों का जमावड़ा नहीं होगा और लॉयन आॅर्डर भी बना रहेगा। कटारिया ने राजस्थान पत्रिका की ओर से उठाए गए इस मुद्दे की भी सराहना की और इस बात को माना भी कि शराब की दुकानें खुलने से सोश्यल डिस्टेंसिंग की पालना नही हो पाई है।
केंद्रीय कर्मचारियों का भत्ते स्थगित करने को राहुल गांधी ने असंवेदनशील बताया था। इस पर कटारिया ने निशाना साधा और कहा कि राजस्थान में मार्च में कर्मचारियों का पैसा काटा गया। क्या गहलोत सरकार ने उन्हें जानकारी नहीं दी थी। गांधी के संसदीय क्षेत्र वाले राज्य केरल में भी पैसे काटे गए। कटारिया ने आरोप लगाया कि तबलीगियों ने पूरे देश का माहौल बिगाड़ दिया है।
कांग्रेस कर रही है राजनीति कटारिया ने प्रेस वार्ता में सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री को विधानसभा में खुद सहयोग का आश्वासन दिया था। मगर कांग्रेस राजनीति कर रही है। सरकार बोल रही है केंद्र ने ये नहीं किया केंद्र ने पैसा नहीं दिया। इस वजह से मुझे बोलने पर मजबूर होना पड़ा है। मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने खुद के फंड से गरीब के खाते में कितना पैसा डाला है गिनकर बता दे। जबकि केंद्र सरकार ने नरेगा, जन धन योजना के अलावा 62 लाख किसानों के खातों में पैसा डाला है। यहां तक की 40 हजार टन गेहूं भी निशुल्क आवंटित किया गया है।
हमारे प्रवासी कब आएंगे, सरकार दे जानकारी कटारिया ने कहा कि सरकार ये बताए कि अब तक वो कितने प्रवासियों को वापस लाई है और रजिस्टर्ड प्रवासियों को लाने की उनकी क्या योजना है। कटारिया ने दावा किया कि जो ढाई लाख लोग आए हैं, वो अपने दम पर पहुंचे हैं। रतनपुर और सिरोही बॉर्डर पर कई किमी लंबी लाइनें थीं। सरकार केवल अपनी पीठ ठोंक रही है।