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पोर्टल पर नहीं मिल रही परिवेदनाओं की जानकारी

locationजयपुरPublished: Nov 02, 2019 02:23:47 pm

Submitted by:

MOHIT SHARMA

शिक्षक हो रहे परेशान, कई शिक्षकों को नहीं मिल रही जानकारी

teachers transfer

तबादलमें रोज हो रहे संशोधन, लेकिन पोर्टल पर नहीं कर रहे अपलोड

जयपुर। शिक्षकों के तबादलों में रोजाना संशोधन आदेश निकाले जा रहे हैं, परिवेदनाओं का निस्तारण हो रहा है, लेकिन विभाग उन्हें शाला दर्पण पोर्टल पर अपलोड नहीं कर रहा है। इससे शिक्षकों को जानकारी नहीं मिल रही है। तबादलों पर तो सरकार ने बैन लगा रखा है, लेकिन संशोधन के नाम पर और परिवेदना निस्तारण के नाम पर रोज शिक्षकों के तबादले हो रहे हैं। कईयों को इच्छित स्थान मिल रहा है तो कई प्रशासनिक आदेशों से दूर भी लगाए जा रहे हैं। अब शिक्षक इन आदेशों का विरोध भी करने लगे हैं।
खारिज की परिवेदना
प्रिंसिपल और व्याख्याता की स्थानान्तरण आदेशों के संबंध में परिवेदनाएं शाला दर्पण पोर्टल पर आमंत्रित की गई थीं। परिवेदनाओं का निस्तारण अब तक किया जा रहा है। विभाग के अधिकारियों की मानें तो परिवेदनाएं रिक्त पद और विद्यार्थी हितों को देखते हुए ही निस्तारित की जा रही हैं। हाल ही भूगोल, अर्थशास्त्र और उर्दू के व्याख्याताओं की परिवेदनाओं का निस्तारण किया गया। इन तीन विषयों के 78 व्याख्याताओं की सूची जारी की गई, इसमें से अधिकांश की परिवेदना खारिज कर दी गई। इसके साथ ही 253 प्रिंसिपल की परिवेदना सूची भी जारी की गई, जिसमें अधिकांश खारिज कर दी गई। परिवेदना खारिज होने से शिक्षक परेशान हैं, उनका कहना है कि विभाग ने गलत तरीके से परिवेदनाओं का निस्तारण किया है। इनमें से अधिकांश परिवेदनाएं तो पहले ही निस्तारित हो चुकी थी। इतना ही नहीं कई जगह पद खाली नहीं होना बताया गया है, जबकि वहां पद खाली हैं।
इन जिलों में नहीं हैं पद रिक्त

जयपुर, दौसा, सवाईमाधोपुर और अलवर जिले में पद खाली नहीं होने का हवाला देकर कई प्रिंसिपल की परिवेदना खारिज कर दी गई। परिवेदना खारिज होने के बाद प्रिंसिपल छुटिटयों को बढ़वाने के लिए जोड़तोड़ में लगे हुए हैं। अब वे चिकित्सक से रोग प्रमाण पत्र बनवाने की कतार में लगे हैं।
ये बताए कारण
स्थानान्तण एक सतत प्रक्रिया है, लोकसेवक द्वारा इच्छित स्थान पर स्थानान्तरण की मांग अधिकार पूर्वक नहीं की जा सकती। मानव संसाधन का प्रशासनिक आवश्यकतानुसार राज्यहित व छात्रहित में पद राज्यसेवा का होने के कारण कहीं भी पदस्थापन किया जा सकता है। प्रार्थी ने स्थानान्तरण करने के तथ्य और साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए। स्थान रिक्त नहीं है, ऐसे में परिवेदना खारिज की जाती है।
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