गृहमंत्री गुलाब चंद काटारिया ने कहा कि हिंदी फिल्म के खिलाफ ‘मामले को मजबूत करने’ के लिए करणी सेना को आमंत्रित किया गया है। फिल्म के आलोचकों का कहना है कि इसमें राजपूत इतिहास से छेड़छाड़ की गई है।
राजपूत करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कलवी ने कहा कि वह नए घटनाक्रम को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने कटारिया के हवाले से कहा कि हम सभी को अपने मामले को अदालत में मजबूत करने के लिए एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए। हालांकि, कलवी ने कहा कि फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन जारी रहेगा।
उधर चित्तौड़गढ़ में जौहर स्मृति संस्थान की ओर से रविवार को जौहर भवन में महारानी पद्मिनी – एक वास्तविकता विषय पर होने वाली राष्ट्रीय संगोष्ठी के माध्यम से रानी पद्मिनी के जीवन से जुड़े पहलुओं व इतिहास पर मंथन हुआ।
अध्यक्षता संस्थान अध्यक्ष उम्मेद सिंह राठौड़ ने जबकि संयोजन आयोजन सचिव डॉ. लोकेन्द्रसिंह ज्ञानगढ़ ने की। संस्थान के संयुक्त मंत्री कानसिंह ने बताया कि संगोष्ठी में देश के विभिन्न क्षेत्रों के इतिहासकार शामिल हैं।
इनमें सीतामउ (एमपी) के डॉ मनोहरसिंह राणावत, जयपुर के डॉ कृष्णगोपाल शर्मा, डॉ राघवेन्द्रसिंह मनोहर, डॉ डी एस खंगारोत, बनेड़ा के डॉ अक्षय देरा श्री, उदयपुर के डॉ केएस गुप्ता, डॉ पुष्पेन्द्र सिंह राणावत,डॉ देव कोठारी, प्रोॅ देवकर्ण सिंह रूपाहेली, डॉ बृजमोहन जावलिया, डॉ जमनेश कुमार ओझा, डॉ चन्द्रशेखर शर्मा, डॉ गिरिश नाथ माथुर, डॉ मोहब्बत सिहं राठौड़,डॉ तेज सिंह तरूण, डॉ राजेन्द्र बारहट, छगनलाल बोहरा, डॉ नारायण शर्मा,डॉ अनिता राठौड़, केलवा के डॉ ओकार सिंह, झालावाड़ के डॉ. ललित शर्मा, भीलवाड़ा के डॉ गौरी शंकर असावा, जोधपुर के डॉ हुक्म सिंह भाटी,डॉ विक्रम सिंह भाटी, डॉ जितेन्द्रसिंह भाटी, डॉ कल्याणसिंह शेखावत,डॉ महिपाल सिंह राठौड़,डॉ जहूर खां मेहर, डॉ आईदान सिंह भाटी, बीकानेर के डॉ देवकिशन राजपुरोहित, जसौल के नाहरसिंह, जैसलमेर के डॉ रतनसिंह भाटी, रघुवीर सिंह भाटी, जितेन्द्रसिंह भाटी, चित्तौडग़ढ़ के डॉ एसएन समदानी, डॉ सुशीला, वैद्य लक्ष्मीनारायण जोशी, डॉ एएल जैन, टोंकरा, मध्यप्रदेश के टोंकरा के देवकर्ण सिंह बड़वा, नान्सा जागीर, जैसलमेर पूर्व राजपरिवार के भंवरसिंह बड़वा, बाबूसिंह टोंकरा आदि शामिल हैं।