गृह विभाग की ओर से जारी परिपत्र के अनुसार किसी लोकसेवक के खिलाफ शिकायत अथवा ट्रैप कराने वाले व्यक्ति के वैध कार्यों को कई बार उस विभाग के अधिकारी एवं कार्मिक अटकाते हैं या उसे अन्य प्रकार से जान-बूझकर प्रताडि़त करने की भी शिकायतें प्राप्त होती हैं। विभागीय कार्मिकों की इस प्रवृत्ति के कारण आमजन में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के प्रति नकारात्मक सोच विकसित होती है। इससे भ्रष्टाचारियों को प्रोत्साहन मिलता है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों एसीबी मुख्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा था कि प्रदेश में किसी प्रकार का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भ्रष्टाचार के विरोध में आवाज उठाने वालों को सरकार पूरा संरक्षण देगी।