कृषि उद्योग मॉडल की अच्छी संभावनाएं
राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय क्षेत्र (बांसवाड़ा, डॅुगरपुर, प्रतापगढ़) में एक प्रतिशत से भी कम जनजातीय लोग संक्रमित हुए। उन्होंने कहा कि यह आंकड़े इस बात के द्योतक हैं कि जनजातीय व्यक्तियों ने अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखा है। ऐसा उनकी परम्परागत जीवन प्रणाली से सम्भव हो सका है। प्रकृति से अत्यन्त सामीप्य रखने वाली जनजातियां आज भी परम्परागत जीवन विधि को अंगीकार किए हुए है। प्रकृति में विश्वास रखते हुए यह लोग अपनी जीविका चला रहे हैं। उनकी मजबूत प्रतिरोधक क्षमता भी इसका परिणाम है। राज्यपाल ने कहा कि आज की अर्थव्यवस्था को गाँव और नगर के बीच बांटकर नहीं देखा जा सकता। इस वैश्विक संकट में गाँव आधारित कृषि उद्योग का मॉडल पूर्ण सम्भावना लिए है। जहाँ इससे ग्रामीण इलाकों से पलायन रुकेगा, वहीं कर्ज की समस्या और फसल के वाजिब दाम न मिलने से भी निजात मिल सकेगी।
लोकल ही वोकल और ग्लोबल होगा
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत घरेलू आपूर्ति श्रृंखला तैयार करने की अपार सम्भावनाएं हैं। क्लस्टर आधारित बाजार, अन्तर्देशीय जलमार्गों का विकास, डिजिटल भुगतान आदि ऐसी ही नयी दिशाएँ हैे, जो अब आवश्यक भी हैं। लोकल फॉर वोकल से विकास मार्ग प्रशस्त करने का माध्यम भी हैं। लोकल ही वोकल और ग्लोबल होगा।
वैभवशाली भारत का मार्ग प्रशस्त होगा
राज्यपाल ने कहा कि आने वाले समय में भारत के लिये नये अवसर उत्पन्न होगें। नये निवेश होगे। नये रोजगार के अवसर बनेगें। जीवन फिर से पटरी पर होगा। हमारे कोरोना वारियर्स, हमारे प्रशासन, हमारे कर्मवीर, हमारी सरकारों का परिश्रम व्यर्थ नहीं जायेगा एवं निश्चित ही नये वैभवशाली भारत के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा। वेबिनार को पूर्व मंत्री किरण माहेश्वरी और महेन्द्र जीत सिंह मालवीय ने भी सम्बोधित किया। वेबिनार के विषय प्रवर्तन के बारे में कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी ने बताया। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव श्री सुबीर कुमार और प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्द राम जायसवाल भी मौजूद रहे।