आपको बता दें कि सिंह ने एेसी जानकारियां जुटाई हैं, जिनके अनुसार स्वीकृत पदों एवं भर्तियों में काफी अन्तर बना हुआ है। इस अन्तर को समझने, उनके कारणों को जानने, उत्तरदायित्व निर्धारित करने एवं भविष्य के लिए समयबद्ध कार्ययोजना तैयार करने के लिए सभी विश्वविद्यालयों से नौ बिंदुओं पर 20 अप्रेल तक सूचना मांगी गई है।
वित्तीय प्रबंधन पर जताई थी नाराजगी कुलाधिपति कल्याण सिंह ने इससे पूर्व विश्वविद्यालयों के वित्तीय प्रबंधन एवं वित्तीय अनुशासन पर सख्त रूख अपनाते हुए कुलपतियों से रिपोर्ट मांगी है। इस संबंध में भी कुलपतियों को १५ अप्रेल तक रिपोर्ट सौंपनी है। इस पत्र में भी कुलपति ने काफी नाराजगी जताते हुए कहा था कि यूनिवर्सिटी में ग्रांट का समय पर सही उपयोग ही नहीं हो पा रहा है।
यह भी कहना है कुलाधिपति का राज्यपाल सिंह का मानना है कि शिक्षकों के पदों पर रिक्तियों से छात्र-छात्राओं के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने मंगलवार को भेजे गए एक पत्र में शिक्षकों की रिक्तियों को न भरे जाने के विभिन्न आयामों पर स्पष्टीकरण मांगा है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों से यह भी पूछा है कि पदों की रिक्तता की स्थिति में उनके द्वारा शैक्षिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए क्या वैकल्पिक प्रबंध किए गए।