scriptREET Exam के पाठयक्रम को लेकर शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का बड़ा बयान | Govind Singh Dotasra On REET Exam Syllabus 2020 | Patrika News

REET Exam के पाठयक्रम को लेकर शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का बड़ा बयान

locationजयपुरPublished: Feb 08, 2020 11:52:40 am

Submitted by:

santosh

शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि रीट के पाठ्यक्रम को लेकर भ्रांति चल रही है, जबकि अभ्यर्थियों को पूर्व की तरह ही तैयारी करनी चाहिए।

Govind_dotasara.jpg

जयपुर। राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) को लेकर सचिवालय में शुक्रवार को बैठक हुई। शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में परीक्षा, पाठ्यक्रम, पात्रता और अन्य विसंगतियों को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान डोटासरा ने पत्रिका को बताया कि रीट के पाठ्यक्रम को लेकर भ्रांति चल रही है, जबकि अभ्यर्थियों को पूर्व की तरह ही तैयारी करनी चाहिए। इसे नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) की गाइडलाइन के अनुसार पहले से ही तय किया हुआ है।

 

स्नातक का वेटेज कम करने पर चर्चा डोटासरा ने कहा कि पाठ्यक्रम में स्नातक का वेटेज कितना होगा, इस पर गहन अध्ययन और चर्चा की जा रही है। चूंकि कई अभ्यर्थियों की मांग है कि स्नातक का वेटेज कम किया जाए। अत: इस पर निर्णय होना बाकी है। इसी के आधार पर लेवल 2 की भी परीक्षाओं का निर्धारण होगा। अभी इन पर विधिक और विभागों के अधिकारियों से राय ली गई है। इसके साथ ही किस वर्ग को न्यूनतम अंकों में शिथिलता दी जाए, कॉमर्स के विद्यार्थियों को पात्र करने और एमए 50 प्रतिशत के साथ ही बीएड करने वाले छात्रों को पात्र बनाने पर विमर्श हुआ। अगले हफ्ते मीटिंग में इस पर फैसला होगा। बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग शासन सचिव, पंचायती राज विभाग विशिष्ट शासन सचिव, वरिष्ठ संयुक्त विधि परामर्शी, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सचिव समेत कई अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

 

बेरोजगारों के लिए एक और बड़ी खबर है। कार्मिक विभाग की ओर से विभिन्न्न भर्तियों के संबंध में सर्कुलर जारी किया है। विभाग की प्रमुख शासन सचिव रोली सिंह ने सर्कुलर में कहा है कि विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती हेतु आरपीएससी और राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड आदि के माध्यम से विज्ञप्ति जारी की जाती है। उक्त विज्ञप्तियों में कुछ कमियां रह जाने के कारण प्रभावित अभ्यर्थियों द्वारा न्यायालय में वाद दायर कर दिया जाता है। इससे भर्ती प्रक्रिया स्थगित हो जाती है या अनावश्यक विलंब होता है तथा बेरोजगार अभ्यर्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

 

इसलिए सभी विभागों को निर्देशित किया जाता है कि भर्ती हेतु विज्ञप्ति जारी करने से पूर्व संबंधित सेवा नियमों में विहित प्रावधानों के अनुरूप आरक्षण वर्गीकरण, योग्यता का निर्धारण, पाठ्यक्रम व परीक्षा योजना इत्यादि बिंदुओं की नियमानुसार पालना सुनिश्चित करें। इससे अनावश्यक वादकरण की स्थिति उत्पन्न न हो। साथ ही जिन भर्तियों से संबंधित प्रकरण न्यायालय में लंबित हैं, उनके शीघ्र निस्तारण के लिए प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की जाए। विभागों द्वारा भर्तियों में न्यायिक विवादों के निस्तारण में शिथिलता को राज्य सरकार के स्तर पर गंभीरता से लिया जाएगा। इस संबंध में सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव, शासन सचिव और विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया गया है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो