बजट का बड़ा पेंच भले ही विभाग आधिकारिक तौर पर इसे सामान्य प्रक्रिया मान रहा हो,लेकिन सूत्र इसमें कौशल प्रशिक्षण के बजट का पेंच बता रहे हैं। दरअसल, जीकेआरए में शामिल 22 जिलों से आए श्रमिकों के प्रशिक्षण का पूरा खर्च केन्द्र सरकार से मिलेगा। जबकि वंचित जिलों के श्रमिकों का प्रशिक्षण कराया जाता है तो इसके खर्च का साठ प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार को वहन करना होगा।
यों समझें अंतर जीकेआरए में शामिल जिले जिला— कुल पंजीकरण— कौशल के इच्छुक प्रवासी
बाडमेर— 4583— 3474
चूरू— 2119— 1894
जालौर— 2543— 1804
पाली— 2665— 1296
सिरोही— 3731— 2610
करौली— 752— 681
भरतपुर— 750— 702
जयपुर— 1354— 1299
सीकर— 2503— 2387
नागौर— 2211— 2156
झुंझुनूं— 1611— 1485
जोधपुर— 896— 817
अलवर— 296— 270
अजमेर— 1553— 1395
उदयपुर— 4684— 4657
राजसमंद— 438— 428
भीलवाड़ा— 1869— 1858
हनुमानगढ़— 551— 537
चितौड़गढ़— 2518— 2504
बीकानेर— 997— 982
डूंगरपुर— 3499— 3493
बांसवाड़ा— 1831— 1831
जीकेआरए से वंचित जिले जिला— कुल पंजीकरण— कौशल के इच्छुक प्रवासी बारां— 158— 115
धौलपुर— 145— 74
सवाई माधोपुर— 47— 38
दौसा— 50— 36
जैसलमेर— 33— 26
कोटा— 33— 26
टोंक— 35— 28
बूंदी— 23— 20
प्रतापगढ़— 8— 6
श्रीगंगानगर— 14— 5
शुरुआत में फोकस केन्द्र के अभियान में शामिल जिलों पर किया गया है। जल्द ही अन्य जिलों में मैपिंग का कार्य पूरा किया जाएगा। नीरज के.पवन, श्रम सचिव