चौमूं उपखण्ड अधिकारी प्रियवृत सिंह चारण ने बताया कि मिलावटीखोर दूध और मावे में मिलावट करते हैं, जिससे लोगों और बच्चो के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। स्कूलों में वितरण होने वाले बच्चों के दूध पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के खाद्य सुरक्षा एवं सहकारी डेयरियों के अधिकारियों द्वारा दूध के गुणवता की जानकारी के लिए सुनिश्चित किया गया है। इसके अलावा बच्चो को दूध देने की मात्रा भी तय की गई हैं। इसमें कक्षा 1 से 5 वीं तक के विद्यार्थियों को 150 एमएल तथा कक्षा 6 से 8वीं के विद्यार्थियो को 200 एमएल दूध सप्ताह में तीन दिन पिलाना सुनिश्चित किया है।
समस्त प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय व मदरसों में कक्षा 1 से 8 तक के पढऩे वाले बच्चों को सप्ताह में 3 दिन उच्च गणुवता युक्त गर्म व ताजा दूध पिलाया जाएगा। यह दूध प्रार्थना सभा के तत्काल बाद बच्चों को दिया जाएगा। दूध वितरण के लिए सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार व शुक्रवार अथवा मंगलवार, गुरूवार व शनिवार सुविधानुसार तय किए जा सकेंगे।