लौटी गहलोत सरकार तो 10 हजार गरीबों को घर का रास्ता साफ !
जयपुर. प्रदेश में पांच साल बाद अशोक गहलोत सरकार लौटी तो करीब दस हजार से अधिक गरीबों को आवास सहायता मिलने का रास्ता साफ होता दिख रहा है। राज्य सरकार ने सभी कलक्टरों को निर्देश जारी कर पिछली गहलोत सरकार में हुडको से लिए गए ऋण में से बचत राशि और योजना के शेष लाभार्थियों को जरूरी सहायता किश्तों में लगने वाली संभावित राशि की जानकारी मांगी है।
दरअसल, पिछली कांग्रेस सरकार के वक्त गरीबों को आवास देने के लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास याोजना शुरु की थी। इसके लिए राज्य सरकार की गारंटी पर करीब 36 हजार करोड़ रुपए का ऋण लिया गया। लेकिन योजना में 2013—14 तक ही आवास स्वीकृत किए गए। केन्द्र में सरकार बदलते ही नई प्रधानमंत्री आवास योजना शुरु हो गई।
प्रदेश में नई सरकार आने के बाद फिर से इस योजना की प्रगति की समीक्षा की गई तो सामने आया कि उस वक्त कुल 33 हजार आवास स्वीकृत हुए, जिसमें से 10465 आवास ऐसे हैं, जो पूरे होने के योग्य हैं, लेकिन अधूरे हैं। इन बकाया आवासों में या तो निर्माण ही शुरु नहीं हुआ या फिर तीन सहायता किश्तों में से अभी एक—दो किश्तें लाभार्थियों को नहीं मिल पाई हैं।
ग्रामीण विकास विभाग ने जिलों से कहा है कि वह हुडको से ऋण के तौर पर ली गई राशि के खर्च में से बची हुई राशि और अधूरे आवासों के पेटे दी जानी आवश्यक राशि की गणना कर राज्य सरकार को सूचना दे। सरकार ने 25 अगस्त तक सभी जिलो को इस बारे में रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं।