बोडो उग्रवादियों से शांति समझौता
जयपुरPublished: Jan 28, 2020 01:27:45 am
अलग विधायी-कार्यकारी शक्तियां देगी सरकार
बोडो उग्रवादियों से शांति समझौता
नई दिल्ली . असम में अलग बोडोलैंड की मांग करने वाले प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक फेडरेशन आफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) ने सरकार के साथ सोमवार को ऐतिहासिक बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए।
गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुए इस समझौते में असम के मुयमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, एनडीएफबी के चारों गुटो के शीर्ष नेता रंजन डैमारी, गोविंदा बासुमतारी, धीरेन बारो और बी. साओरैगरा, गृहमंत्रालय के संयुक्त सचिव सत्येंद्र गर्ग और असम के मुय सचिव कुमार संजय कृष्ण ने हस्ताक्षर किए। समझौते पर ऑल असम बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (एबीएसयू) और यूनाइटेड बोडो पीपुल आर्गेनाइजेशन (यूबीपीओ) ने भी हस्ताक्षर किए हैं। उल्लेखनीय है कि शांति समझौते में बोडो संगठनों की अलग बोडोलैंड (अलग केंद्र शासित प्रदेश के रूप में) की मांग शामिल नहीं है। पिछले सप्ताह ही असम के कैबिनेट मंत्री हेमंत विश्व सर्मा ने कहा था कि राज्य की क्षेत्रीय अखंडता को पूरी तरह बरकरार रखा जाएगा। समझौते के तहत 500 हथियारों के साथ 1500 कैडर 30 जनवरी को समर्पण करेगा।
समय से पूरे होंगे सभी वादे : शाहद्ग इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह समझौता असम के लिए और बोडो लोगों के लिए एक सुनहरा भविष्य सुनिश्चित करेगा। मैं सभी प्रतिनिधियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सभी वादे समयबद्ध तरीके से पूरे होंगे।
एनआइए से खफा एनएससीएन-आइएम, संघर्ष विराम से बाहर आने की चेतावनी
एनएससीएन-आइएम (नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड, चिशी स्वू-थुलिंग्लेंग मुइवा) ने केंद्र सरकार के साथ 23 वर्ष पुराने संघर्ष विराम से बाहर आने की चेतावनी दी है। संगठन का आरोप है कि एनआइए लगातार दंड देने के भाव से काम कर रही है। खासतौर पर जुलाई 2019 में जब भारत सरकार के वार्ताकार ने चेतावनी दी और दोनों पक्षों के बीच तय समझौते की रूपरेखा (फ्रेमवर्क एग्रीमेंट, एफए) को खारिज कर दिया, जिसके तहत नगा लोगों का राष्ट्रीय ध्वज और संविधान के संप्रभु अधिकार को आधिकारिक रूप से स्वीकार किया गया था।
समझौते की शर्तें
बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) को विधायी, कार्यकारी, प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियों देगी केंद्र सरकार।
बोडोलैंड टेरिटोरियल एरिया डिस्ट्रिक्ट्स (बीटीएडी) के आंतरिक विषय तय होंगे।
बीटीएडी में बोडो स्कूलों का प्रांतीयकरण होगा। बोडो माध्यम के स्कूलों के लिए अलग निदेशालय।
बोडो आंदोलन में मारे गए लोगों के लिए 5-5 लाख का मुआवजा व एडीएफबी कैडर का पुनर्वास।
बीटीएडी के लिए डीआइजी का पद
बोडो क्षेत्रों के लिए तीन वर्षो में 1500 करोड़ का पैकेज
बीटीएडी से सटे गांवों को बीटीएडी में शामिल करने या निकालने, बीटीसी का नाम और काउंसिल की कुल सीटों को तय करने के लिए आयोग बनेगा।