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रोड सेफ्टी पर हर साल 90 करोड़ खर्च, मात्र एक फीसदी ही घटीं मौतें

locationजयपुरPublished: Jan 21, 2019 10:16:42 am

Submitted by:

Mridula Sharma

परिवहन-पुलिस सहित कई विभागों के साझा प्रयास के बाद भी दुर्घटनाओं में नहीं आ रही कमी

विजय शर्मा/जयपुर. परिवहन-पुलिस सहित कई विभागों के साझा प्रयास के बाद भी प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी नहीं आ रही है। 2018 में सड़क दुर्घटनाओं के शर्मनाक आंकड़े सामने आए हैं। प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में मौतों में महज एक फीसदी और घायलों में दो प्रतिशत की ही कमी आई है। ये हालात तब हैं, जब परिवहन विभाग को सड़क दुर्घटना रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर नोडल विभाग बनाया गया है।
साथ ही तीन साल पहले परिवहन मुख्यालय में इस संबंध में रोड सेफ्टी विंग भी बनाई गई। 90 करोड़ सालाना बजट पाने वाली रोड सेफ्टी विंग सड़क दुर्घटनाओंं को रोकने में नाकाम साबित हो रही है। प्रदेश में मौतों के आंकड़ों पर गौर करें तो 13 जिलों में महज 10 प्रतिशत की ही कमी आई है। वहीं 16 ऐसे जिले हैं, जहां पिछले साल के मुकाबले मौतों का आंकड़ा बढ़ गया है। पुलिस, परिवहन सहित अन्य विभागों में परस्पर सामजस्य नहीं होने के कारण यह नतीजे सामने आ रहे हैं।
आखिर क्या हैं सेल की खामियां
– कार्यों और नियमों के क्रियान्वयन के लिए रीजनल और जिला स्तर पर रोड सेफ्टी की अलग से विंग नहीं
– आरटीओ—डीटीओ को प्रभारी बनाकर कई विभागों के अधिकारियों को सेल का अतिरिक्त काम दिया
– जिला और रीजनल स्तर पर रोड सेफ्टी को लेकर काम नहीं किया जा रहा हर माह होने वाली बैठकें दो से तीन महीने में की जा रही हैं
– प्रदेश स्तर पर संचालित विंग के लिए उपयुक्त जगह नहीं एक केबिन में ही इस सेल को संचालित हो रही
– सेल में एक दर्जन अफसर और कर्मचारियों को छोटी जगह में ही काम करना पड़ रहा
आंकड़े बता रहे स्थिति
– 41 प्रतिशत मौत प्रतापगढ़ में सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी हुई
– 14 जिलों में 10 प्रतिशत से कम कमी आई है घायलों में
– 13 जिलों में 10 प्रतिशत से कम कमी आई है मौतों में
– 16 जिलों में बढ़ोत्तरी हुई है सड़क दुर्घटनाओं में मौतों में
– 16 जिलों में बढ़ोत्तरी हुई है सड़क दुर्घटनाओं में
– 16 जिलों में 10 फीसदी से भी कम कमी आई है सड़क दुर्घटनाओं में
– 15 जिलों मेें बढ़ोतरी हुई है घायलों की संख्या में
– 26 प्रतिशत मौतों में कमी आई है जयपुर उत्तर में
– 24 प्रतिशत मौतों में कमी आई है जयपुर पूर्व में
रोड सेफ्टी सेल पर एक नजर
3 साल पहले बनाई गई थी रोड सेफ्टी सेल
10 अधिकारी-कर्मचारियों को शामिल कर बनाई है अलग विंग
25 फीसदी चालान का पैसा सेल के बजट में जाता है
90 करोड़ रुपए 2017 का बजट था विंग के पास
(यह स्थिति राज्य में सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए हो रहे प्रयासों पर सवाल खड़े करती है)

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