ग्रामीण डाक सेवकों ने दिया धरना
आंदोलन की राह पर ग्रामीण डाक सेवक
राजस्थान परिमंडल सहित सभी मंडलीय मुख्यालयों पर धरने पर ग्रामीण डाक सेवक
विभागीय दर्जा दिए जाने की मांग
ग्रामीण डाक सेवकों को विभागीय दर्जा दिए जाने, १२,२४,३६ का लाभ दिए जाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर आज ग्रामीण डाक सेवकों ने राजस्थान परिमंडल कार्यालय सहित सभी मंडलीय मुख्यालयों पर धरना दिया। भारतीय मजदूर संघ के आह्वान पर आज भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ धरने पर बैठे और अपनी मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। उनका कहना था कि सार्वनजिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों का निजीकरण बंद किया जाना चाहिए साथ ही श्रमिकों के अधिकार वाले कानून बहाल किए जाने चाहिए।
उन्होंने शाखा डाकघर ८ घंटे खोले जाने की भी मांग की। ग्रामीण डाक सेवकों का कहना था कि उन्हें विभागीय दर्जा नहीं मिला है। जिस मोबाइल से वह काम कर रहेहैं वह सही नहीं है। इसलिए विभाग उन्हें सही करवाए या नए मोबाइल दिए जाएं, जिससे डाक वितरण सुचारू रूप से किया जा सके। उनका कहनाथा कि मोबाइल खराब होने का पैसा उनसे वसूला जा रहा है जिसे बंद किया जाना चाहिए। ग्रामीण डाक सेवकों ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें अचानक पुटअप किया जाता है। यह नीति बदली जानी चाहिए। उनके खिलाफ यदि कोई प्रकरण आता है तो उसकी जांच तक विभाग नहीं करता। बिना जांच किए नौकरी से निकाल दिया जाता है। जिससे वह भय के वातावरण में नौकरी करने पर मजबूर हैं।
जिन ग्रामीण डाक सेवकों ने कोरोना के समय काम किया विभाग ने उनका वेतन रोक लिया है जिसे जल्द दिलवाया जाना चाहिए।
यह हैं डाक सेवकों की अन्य मांगें
स्थानातंरण की शर्तों को हटाकर स्थानातंरण नीति लागू की जाए।
बाहर से नियुक्तियां बंद की जाएं।
पोस्टमैन, एमटीएस के पद पर ग्रामीण डाक सेवकों की भर्ती की जाए।
पुटअप ड्यूटी के दौरान दिए जाने वाले समय का अनुकूल भत्ता बढ़ाया जाए
अनुकम्पा नियुक्ति पर पोता और पौत्रवधु को लगाने की अनुमति दी जाए
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