वृहदपीठ ने जामिया ऊर्दू अलीगढ़ की डिग्री मामले की याचिका को किया निस्तारित
जयपुरPublished: Feb 20, 2020 09:50:38 pm
जामिया ऊर्दू अलीगढ़ की हदीब,माहिर और मोहल्लिम की डिग्री का मुद्दा
जयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय की वृहदपीठ ने जामिया ऊर्दू अलीगढ़ की हदीब,माहिर और मोहल्लिम की डिग्री का मामला निस्तारित कर दिया। वृहदपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के फिरदौस बेगम मामले में उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करने के बाद विवाद समाप्त होने के आधार पर निस्तारित किया गया। राजस्थान उच्च न्यायालय की दो अलग अलग खंडपीठ के विरोधाभाषी फैसलों की वजह से मामला वृहदपीठ को भेजा गया था।
न्यायाधीश सबीना, न्यायाधीश इन्द्रजीतसिंह और न्यायाधीश महेन्द्र कुमार गोयल की वृदहपीठ ने रेफरेंस पर सुनवाई की। जामिया उर्दू अलीगढ़ के हदीब कोर्स को सैकेंडरी ,माहिर कोर्स को सीनियर सैकेंडरी और मोहल्लिम कोर्स को स्नातक के बराबर माना जाता था। इस मामले उच्च न्यायालय ने 2002 में तैय्यब हुसैन और 2004 में अल्ताफ बानो के केस में डिग्री को मान्य करार दिया था। इसके बाद जामिया ऊर्दू अलीगढ़ से डिग्री लेने वाले कई अभ्यर्थी प्रबोधक,एएनएम और जीएनएम भर्ती में चयनित हो गए।इसके बाद में 2006 में हाईकोर्ट ने फिरदौस तरन्नूम के मामले में इन तीनों कोर्स को सैकेंडरी, सीनियर सैकेंडरी और स्नातक के समान मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद प्रबोधक,एएनएम और जीएनएम में चयनित कई अभ्यर्थियों का चयन रद्द हो गया तो मामला पुन: न्यायालय में पहुंच गया। दो अलग अलग खंडपीठ के फैसलों में मत भिन्नता की वजह से मामले को वृहदपीठ में भेज दिया गया। वृहदपीठ में सुनवाई से पहले ही 2 नवंबर 2018 को फिरदौस मामले में उच्च न्यायालय के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। और मामले को पुन: सुनवाई के लिए भेज दिया। वृहदपीठ को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के फैसले की जानकारी वकीलों ने दी। जिस पर अदालत ने कहा कि फिलहाल तैय्यब हुसैन और अल्ताफ बानो के फैसले अस्तित्व में आ गए हैं और दोनों फैसलों में तीनों कोर्स को मान्यता को सही माना है। वृहदपीठ के समक्ष विचार का बिन्दू ही खत्म हो गया है।