राजस्थान में बजरी के अवैध खनन को लेकर एक सांसद ने सरकार से सवाल किए। इसके लिखित जवाब में खान मंत्री जोशी ने कहा कि पर्यावरण मंजूरी नहीं होने के चलते 16 नवंबर 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने बजरी खनन पर रोक लगाई थी। इसके बाद राजस्थान में अवैध खनन की घटनाएं देखी गई है, लेकिन अवैध खनन रोकने के लिए राज्य सरकार इसमें संलिप्त लोगों पर सख्त कार्रवाई कर रही है। साथ ही इस समस्या को नियंत्रित करने का सरकार भरसक प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि 16 नवंबर 2017 से 31 अगस्त 2020 तक बजरी अवैध खनन के खिलाफ 31 हजार 542 मामलों को दर्ज किया गया है। अवैध खनन करने वालों से 191.52 करोड़ रुपए जुर्माना वसूला गया है। जबकि 2803 मुकदमें विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज किए जा चुके हैं।
राज्य सरकार ने यह कदम उठाए
खान मंत्री जोशी ने बताया कि राजस्थान सरकार ने अवैध खनन रोकने के लिए कई कमेटियों का गठन कर रखा है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कार्यबल, जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कार्यबल बना हुआ है। वहीं संयुक्त कार्रवाई के लिए खान, राजस्व, परिवहन और पुलिस विभाग के अधिकारियों सहित एसआईटी बना रखी है। इसके अलावा अवैध खनन रोकने के लिए 25 हजार से 1 लाख रुपए तक के जुर्माने के अतिरिक्त एक लाख रुपए पर्यावरण क्षति के वसूले जा रहे हैं।
फैक्ट फाइल
बजरी खनन पर लगी रोक: 16 नवंबर 2017
अवैध खनन के मुकदमें दर्ज: 2803
वसूला जुर्माना: 191 करोड़ रुपए